मध्य प्रदेश में फेरी लगाने वालों के लिए एक जरूरी खबर, होगा अब मुफ्त पंजीयन

भोपाल
 मध्य प्रदेश में फेरी लगाने वालों के लिए एक जरूरी खबर है। प्रदेश में फल, सब्जी और खाद्य पदार्थ बेचने वालों का अब मुफ्त पंजीयन होगा। एक बार में पांच वर्ष तक के लिए पंजीयन करा सकेंगे। इससे अर्थदंड से बचाव होगा।

सरकार ने सब्जी-फल या खाने की अन्य सामग्री घूमकर बेचने वालों को राहत दी है। अब वह खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) में पांच वर्ष के लिए अपना पंजीयन निशुल्क करा सकेंगे। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वेंडर पंजीयन कराने से बचते थे, इसलिए सरकार ने यह सुविधा दी है। एफएसएसएआई ने 30 सितंबर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

अब इन लोगों से पांच वर्ष का पंजीयन शुल्क 500 रुपए नहीं लिया जाएगा। फल, सब्जी और खाद्य पदार्थ बेचने वाले एमपी ऑनलाइन के माध्यम से अपना पंजीयन करा सकेंगे। पंजीयन में फोटो, आधार कार्ड भी लगेगा। यह भी बताना होगा किस चीजों का व्यापार करते हैं।

आपको बता दें कि एमपी में फल, सब्जी और खाद्य पदार्थ ठेले पर बेचने वालों की संख्या करीब 18 लाख है। पंजीयन नहीं कराने पर एडीएम पांच हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक अर्थदंड लगा सकता है। शर्त के अनुसार स्वच्छता और अन्य निर्धारित मापदंड का पालन करना होगा।

आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वेंडर पंजीयन कराने से बचते थे, इसलिए भारत सरकार ने यह सुविधा दी है। एफएसएसएआई ने 30 सितंबर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

एमपी ऑनलाइन के माध्यम से या खुद वे अपना पंजीयन करा सकेंगे। पंजीयन में फोटो, आधार कार्ड भी लगेगा। यह भी बताना होगा किस चीजों का व्यापार करते हैं।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक मयंक अग्रवाल का कहना है कि एफएसएसएआई ने बहुत अच्छा प्रयास किया है। फेरी वाले जिन हाकर्स ने अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वह निशुल्क पंजीयन करा सकेंगे।

मप्र स्ट्रीट वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नेश उपाध्याय ने बताया कि मध्य प्रदेश में खाद्य पदार्थ बेचने वाले लगभग 38 लाख हाकर्स हैं, जिनमें 16 से 18 लाख फेरी वाले होंगे।
फेरी वालों को यह होगा लाभ

    अभी बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर पांच हजार से 20 हजार रुपये तक अर्थदंड लगता है, जिससे बच जाएंगे।

    पंजीयन की शर्तों के अंतर्गत उन्हें यह पता रहेगा कि क्या करना और क्या नहीं करना।

    खाद्य एवं औषधि प्रशासन के पास उनका ब्योरा होने से उन्हें समय-समय पर विभाग या एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

सरकार को यह लाभ होगा

  • पंजीयन होने से फेरी लगाकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों का ब्योरा सरकार के पास रहेगा।
  • पंजीयन कराने के साथ ही फेरीवालों को शपथ पत्र देना होता है कि वह शर्तों का पालन करेंगे।
  • इस तरह वह नियम से बंध जाएंगे। पंजीयन में पता और मोबाइल नंबर भी रहेगा।
  • फेरी वालों के विरुद्ध कोई शिकायत आती है तो नोटिस भेजना आसान हो जाएगा।
  • खाद्य पदार्थ बनाने और बेचने में स्वच्छता का मापदंड पूरा कराना भी आसान होगा।
  • आवश्यकता होने पर मोबाइल पर उन्हें एक साथ मैसेज भेजा जा सकेगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button