अमित शाह ने विधानसभा के लिए जारी किया बीजेपी का घोषणापत्र, बोले- आर्टिकल 370 अब कभी नहीं लौट सकता
श्रीनगर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए BJP का संकल्प पत्र जारी किया. इस दौरान उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र का भी जिक्र किया. NC के आर्टिकल 370 को लेकर एजेंडे को कांग्रेस का मौन समर्थन है. लेकिन धारा 370 अब इतिहास बन चुकी है, वह कभी लौट कर नहीं आ सकती और हम नहीं आने देंगे.
उन्होंने कहा कि आजादी के समय से हमारी पार्टी के लिए जम्मू कश्मीर का भूभाग महत्वपूर्ण रहा है. हमने इसे जोड़े रखने के लिए अनेक प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 इतिहास बन चुकी है, ये कभी लौटकर नहीं आ सकती. क्योंकि यही वो विचारधारा थी जो युवाओं के हाथ में पत्थर थमाती थी.
अमित शाह ने कहा कि 1947 से ही जम्मू-कश्मीर हमारे दिल के बहुत करीब रहा है. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा. उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दल तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त रहे, वे अलगाववाद के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल का इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. आर्टिकल- 370 की छाया में अलगाववाद पनपा. एक के बाद एक सरकारें अलगाववादियों के आगे झुकती रहीं. आर्टिकल- 370 और 35A अब इतिहास बन चुके हैं. जम्मू-कश्मीर अब विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर है.
अमित शाह ने कहा कि 59 नए कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें से 30 कश्मीर में और 29 जम्मू में हैं. जम्मू-कश्मीर में 2 एम्स, आईआईटी, आईआईएम, निफ्ट, यूनानी अस्पताल खोले गए हैं. पिछले 70 सालों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए देश के बाकी हिस्सों में जाना पड़ता था, लेकिन अब देश के बाकी हिस्सों से छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जम्मू-कश्मीर आ रहे हैं.
अलगाववादियों के आगे नतमस्तक होती थीं पहले की सरकारें
उन्होंने कहा कि 2014 तक जम्मू-कश्मीर पर हमेशा अलगाववाद और आतंकवाद की परछाई रही. 2014 से लेकर 2024 तक जम्मू-कश्मीर का जब इतिहास लिखा जाएगा तो ये समय स्वर्णिम होगा. इन दस सालों में पर्यटन पर फोकस रहा है. पहले अनुच्छेद-370 की परछाई में अलगाववादियों की मांगों के आगे सरकारें नतमस्तक होती थीं.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडा को कांग्रेस का समर्थन
बड़ी दुख की बात है कि एनसी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) का एजेंडा मैंने पढ़ा है. इसे कांग्रेस ने मूक समर्थन दिया है. मैं बता देना चाहता हूं कि अनुच्छेद-370 कभी वापस नहीं आ सकता. इसकी वजह से ही अलगाववाद पनता था, जो आतंकवाद को बढ़ावा देती थी. जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी जरूरत शिक्षा की थी. 10 साल में 59 कॉलेजों को मान्यता मिली है.
संकल्प पत्र जारी करने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा, मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास का नया दौर शुरू हो रहा है. जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद के केंद्र से पर्यटन के केंद्र में तब्दील हो गया है. मैं अपने दो दिवसीय दौरे पर जम्मू के लिए रवाना हो रहा हूं. वहां मैं पार्टी के संकल्प पत्र का विमोचन करूंगा. कल कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने कार्यकर्ताओं से बातचीत करूंगा.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में अलगाववाद की बात
पार्टी के संकल्प पत्र जारी होने से पहले बीजेपी नेता निर्मल सिंह ने कहा कि हमारे लिए खुशी की बात है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यहां आ रहे हैं. यह संकल्प पत्र जम्मू-कश्मीर के पुनर्निर्माण के लिए है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में अलगाववाद की बात की गई है. कांग्रेस का घोषणापत्र भी जारी नहीं हुआ है. हो सकता है कि वो नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र पर ही काम करें. कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस की ‘बी’ टीम की तरह काम करेगी.
जम्मू-कश्मीर में कब होगी वोटिंग
जम्मू-कश्मीर में करीब एक दशक बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों पर 3 चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण में 18 सिंतबर को मतदान होगा. दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण में 1 अक्तूबर को वोटिंग होगी. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी.
संकल्प पत्र की बड़ी बातें:
- शांतपूर्ण सुरक्षित और विकसित जम्मू कश्मीर का निर्माण
- महिलाओं के उत्सर्ग पर फोकस करे, मताओं प्रतिवर्ष 18 हजार रुपये देंगे
- उज्जवला के सभी लाभार्थियोंं को दो सिलेंडर मुफ्त देंगे
- कॉलेज के विद्यार्थियों को 3 हजार रुपये ट्रैवलिंग आलउंस देंगे
- प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए युवाओं 10 हजार रुपये का री-इंबर्समेंट मिलेगा
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पीएम किसान योजना के तहत जम्मू-कश्मीर में किसानों को हर साल 10 हजार रुपये की रकम दी जाएगी।
– जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद श्वेत पत्र लाएंगे। इसमें आतंकवाद फैलाने वालों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
– घर की सबसे वरिष्ठ महिला को हर साल 18,000 रुपये का वादा।
– प्रेमनाथ डोगरा रोजगार योजना के तहत हर साल 5 लाख नौकरियों के अवसर।
– जम्मू-कश्मीर के युवाओं को हर महीने 10 हजार रुपये की रकम यूपीएससी और जेकेपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी के लिए। यातायात के लिए छात्रों को महीने में 3000 रुपये।
– जम्मू में आईटी हब की स्थापना की जाएगी।
– रंजीत सागर बांध के लिए एक अलग झील विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा।
– साबरमती रिवरफ्रंट की तर्ज पर तवी रिवरफ्रंट तैयार किया जाएगा।
– जम्मू क्षेत्र में तीन क्षेत्रीय बोर्ड स्थापित होंगे ताकि सरकारी योजनाओं के कामकाज की निगरानी की जा सके।
– डलझील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेंगे। इसके अलावा वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देंगे।
– अटल आवास योजना के तहत भूमिहीनों के लिए 5 मरला जमीन का मुफ्त आवंटन करेंगे।
– हर घर जल योजना का विस्तार करेंगे और हर घर तक पानी पहुंचेगा।
– कृषि के लिए बिजली की दर को आधा किया जाएगा।
– किश्तवाड़ में आयुष हर्बल पार्क का विकास किया जाएगा।