अली नैनी जेल से हटाए गए अतीक अहमद के बेटे, रंगदारी मामले में भेजा गया झांसी

लखनऊ 
यूपी में केंद्रीय कारागार नैनी में पिछले 38 महीने से बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को आखिरकार बुधवार को झांसी जेल में ट्रांसफर कर दिया। नैनी जेल से सुबह लगभग आठ बजे हाई सिक्योरिटी के साथ अली को झांसी जेल ले जाने के लिए टीम रवाना हुई। प्रयागराज के प्रॉपर्टी डीलर से पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने के आरोप में 30 जुलाई 2022 से अली नैनी जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद था। उसका नाम उमेश पाल हत्याकांड में भी आया है। इसी साल 17 जून को डीआईजी जेल के औचक निरीक्षण में अली के बैरक में 1100 रुपये नकदी भी मिली थी। शासन के आदेश पर अली को झांसी जेल भेजा गया है।

माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद ने पांच करोड़ की रंगदारी मामले में 30 जुलाई 2022 को कोर्ट में सरेंडर किया था। प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के बाद अली ने लंबे समय तक फरार रहने के बाद कोर्ट में सरेंडर किया था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद उसे हाई सिक्योरिटी बैरक से हाई सिक्योरिटी सेल के आठ बाई दस के कमरे में शिफ्ट कर दिया गया था। साथ ही उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चार सीसीटीवी कैमरे और तीन शिफ्ट में दो-दो सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई थी।

हालांकि 17 जून को डीआईजी राजेश कुमार श्रीवास्तव की औचक जांच में अली के पास 1100 रुपये नकद मिले थे। इस मामले में डिप्टी जेलर और एक हेड वार्डन को निलंबित किया गया था। तभी से अली को दूसरे जिले के जेल में स्थानांतरण किए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी। केंद्रीय कारागार नैनी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर अली अहमद को बुधवार की सुबह आठ बजे हाई सिक्योरिटी के साथ झांसी जेल रवाना किया गया है।

कुछ महीने पहले प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस ने अतीक की मौत के बाद अली को गैंग का लीडर घोषित किया था। उसके साथ ही गिरोह के कई बदमाशों पर गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की गई थी। सूत्रों की मानें तो अली के नैनी जेल में बंद होने से अतीक गिरोह का गतिविधियां पूरी तरह बंद नहीं हो सकी थी। आए दिन रंगदारी, मारपीट व जमीनों पर कब्जा करने के मामले सामने आते रहे हैं।

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