चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्गों पर तैनाती के लिए चिकित्सकों को AIIMS द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण

ऋषिकेश
अगले माह शुरू हो रही चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्गों पर तैनाती के लिए इन दिनों अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश द्वारा राज्य सरकार के चिकित्सकों को ट्रॉमा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश की अधिशासी निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि संस्थान के ट्रॉमा सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में पिछले सप्ताह राज्य सरकार के चिकित्सकों के पाचवें बैच को प्रशिक्षण दिया गया।

उन्होंने बताया कि राज्य में चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटकों की सुरक्षा और सुदृढ़ स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकताओं को देखते हुए एम्स और राज्य सरकार की साझा पहल के तहत संस्थान में प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। वही अधिशासी निदेशक ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों में मृत्यु दर कम करना तथा उन्हें यात्रा मार्ग पर ही उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवा प्रदान करना है।

प्रशिक्षण के कोर्स निदेशक एवं एम्स के वरिष्ठ ट्रॉमा सर्जन मधुर उनियाल ने प्रशिक्षणार्थियों को गंभीर रोगियों के प्रारंभिक मूल्यांकन संबंधी जानकारी दी। इस दौरान रोगियों के प्राथमिक सर्वेक्षण और रोगी को उच्चस्तरीय सुविधाओं तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। आपातकालीन मेडिसिन विभाग की प्रमुख डॉ. निधि कैले ने विभिन्न आपातकालीन स्थितियों और उनका प्रबंध करने के तरीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यक्रम में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल और टिहरी जिलों से आए 30 चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत छह मार्च को हुई थी। इसमें राज्य के 150 चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

 

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