वित्त विभाग के आदेश के बाद मध्य प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों में मौजूद संपत्ति की विभागों से जानकारी जुटा रही
भोपाल
मध्य प्रदेश में बजट से पहले वित्त विभाग ने सभी विभागों से दूसरे राज्यों में मौजूद संपत्ति की जानकारी मांगी है। विभागों को 22 मई तक जानकारी शेयर करने को कहा गया है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्य सचिव दूसरे राज्यों में स्थित सरकार की संपत्ति को लेकर जल्द समीक्षा करेगी। वित्त विभाग ने विभागों से दूसरे राज्यों में उनकी चल और अचल संपत्ति, उसकी मौजूदा स्थिति को लेकर जल्द जानकारी भेजने को कहा है। इसके बाद दूसरे विभाग अपनी संपत्तियों को लेकर रिकॉर्ड तैयार करने में जुट गए है। प्रदेश की संपत्ति विभिन्न विभागों से संबंधित प्रापर्टी एक दर्जन राज्यों में है। इसमें दिल्ली, महराष्ट्र, गुजरात समेत अन्य राज्यों में है। इसमें अधिकतर संपत्ति धार्मिक न्याय और धर्मस्व विभाग की है।
विभागों से मांगा रोजगार सृजन का ब्यौरा
इसके अलावा वित्त विभाग ने एक अलग आदेश में सभी विभागों से उनके विभाग की तरफ से पिछली वित्तीय वर्ष और वर्तमान वर्ष में रोजगार सजृन के लिए किए प्रयासो, कितनी नौकरियां दी से संबंधित ब्यारो भी मांगा है। प्रदेश के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा इसका पूरा लेखा जोखा बजट सत्र के दौरान सदन में रखेंगे। प्रदेश के विभिन्न विभागों की तरफ से दिए गए रोजगार की जानकारी वित्त मंत्री के बजट भाषण में रहेगी। वित्त विभाग ने विभागों से नौकरी देने की तथ्यात्मक जानकारी, पद, श्रेणी और वेतनमान की जानकारी मांगी है। इसके अलावा वित्त विभाग ने पिछले बजट के व्यय और योजनाओं की स्थिति की जानकारी भी मांगी है।
वित्त विभाग ने महंगाई भत्ता 56% रखने का दिया आदेश
वित्त विभाग के द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि सभी विभाग वेतन मद में 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान से लगभग 3% वृद्धि कर अनुमानित बजट रखें. इसके साथ ही 2024-25 के बजट अनुमान में महंगाई भत्ता वेतन मद का 56% रखा जाए. वहीं संविदा कर्मियों का पारिश्रमिक अनुमान 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान से 8% की वृद्धि रखी जाए. नई नियुक्तियों या रिटायरमेंट के कारण ऊपर दी गई सीमा से कम या ज्यादा राशि अनुमानित हो तो इसका कारण भी लिखा जाना चाहिए.
17 जून तक लिए जाएंगे योजनाओं के प्रस्ताव
बता दें कि बजट अनुमान 2024-25 के लिए आईएफएमआईएस में आंकड़ों की वित्त विभाग द्वारा 20 मई तक एंट्री की जाएगी. वहीं वित्त विभाग द्वारा योजनाओं के प्रस्ताव 17 जून तक लिए किए जाएंगे. जिसके बाद वित्त विभाग बजट तैयार करेगा और 31 जुलाई से पहले मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट पास किया जाएगा.