भारत के बाद अब अफगानिस्तान का जल प्रहार, कुनार नदी पर बांध से सूखेगा पाकिस्तान

इस्लामाबाद 
तालिबान शासित अफगानिस्तान पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति सीमित करने और नदी पर बांध बनाने की तैयारी में है। अफगान सूचना मंत्रालय के अनुसार, तालिबान के सर्वोच्च नेता मौलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कुनार नदी पर जितनी जल्दी हो सके बांध बनाने का आदेश दिया है। यह कदम अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्ध के बाद उठाया जा रहा है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। अफगानिस्तान का यह फैसला भारत के पाकिस्तान के साथ जल-बंटवारे के निर्णय के बाद आया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिसके तहत वह तीन पश्चिमी नदियों का पानी साझा करता था। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की ओर से 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या के बाद यह कदम उठाया गया।

अफगान जल और ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि सर्वोच्च नेता अखुंदजादा ने मंत्रालय को कुनार नदी पर बांध निर्माण जल्द शुरू करने और घरेलू कंपनियों के साथ करार करने का निर्देश दिया है। उप सूचना मंत्री मुहाजेर फराही ने गुरुवार को एक्स पर यह जानकारी साझा की। लंदन स्थित अफगान पत्रकार सामी यूसुफजई ने कहा, 'भारत के बाद अब शायद अफगानिस्तान की बारी है कि वह पाकिस्तान की जल आपूर्ति को सीमित करे।' यूसुफजई के अनुसार, सर्वोच्च नेता ने मंत्रालय को विदेशी कंपनियों का इंतजार करने के बजाय घरेलू अफगान कंपनियों के साथ करार करने का आदेश दिया।

कुनार नदी के बारे में जानिए
480 किलोमीटर लंबी कुनार नदी अफगानिस्तान के हिंदू कुश पर्वतों में पाकिस्तान सीमा के पास ब्रोघिल दर्रे के निकट शुरू होती है। यह कुनार और नंगरहार प्रांतों से दक्षिण की ओर बहती है। इसके बाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में प्रवेश करती है, जहां यह जलालाबाद शहर के पास काबुल नदी में मिल जाती है। कुनार नदी को पाकिस्तान में चित्राल नदी कहा जाता है। यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ी और सबसे अधिक जल वाली सीमापार नदी है। काबुल नदी अटक के पास सिंधु नदी में मिलती है और यह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के लिए सिंचाई और अन्य जल आवश्यकताओं के लिए अहम है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button