कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के तीनों उम्मीदवारों की हार के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार
नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के नतीजे आए एक महीने से अधिक समय गुजर गया. संसद का पहला सत्र संपन्न हो चुका और नवगठित सदस्यों ने शपथ भी ले ली है लेकिन राजनीतिक दलों में चुनाव नतीजों की समीक्षा का सिलसिला चल रहा है. लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर उतरी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में अब केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के नतीजों को लेकर सिरफुटौव्वल शुरू हो गई है.
गठबंधन के तहत कांग्रेस को दिल्ली की सात में से तीन सीटें मिली थीं और आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. गठबंधन के प्रत्याशियों को सभी सात सीटों पर मात मिली थी. कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अब हार के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस ने दिल्ली में हार की समीक्षा के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई थी.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने दिल्ली के तीनों उम्मीदवारों ने अपनी हार के कारण बताए थे. कमेटी ने अब अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक उम्मीदवारों ने आम आदमी पार्टी पर हार का ठीकरा फोड़ा है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे उदित राज, जेपी अग्रवाल और कन्हैया कुमार ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी चुनाव में अपने वोट ट्रांसफर कराने में विफल रही.
तीनों नेताओं ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को ये भी बताया है कि चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी ने उनका समर्थन नहीं किया. हालांकि, फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि तीनों ही उम्मीदवारों ने कांग्रेस कैडर के साथ अच्छा व्यवहार नहीं दिया. इसकी वजह से उम्मीदवारों को कांग्रेस कैडर की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा. तीनों उम्मीदवारों को ये उम्मीद थी कि आम आदमी पार्टी ही उनकी जीत सुनिश्चित कर देगी.
गौरतलब है कि गठबंधन के तहत केंद्र शासित प्रदेश की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. गठबंधन में कांग्रेस को उत्तर पश्चिमी दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट मिली थी. पार्टी ने उत्तर पश्चिमी सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री उदित राज, चांदनी चौक से पूर्व सांसद और दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके जेपी अग्रवाल और उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान उतारा था. कांग्रेस के तीनों ही उम्मीदवारों को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.