अभिषेक बनर्जी के वयान से पश्चिम बंगाल की राजनीति में सियासी अटकलें तेज, एक्स पर लिखा फिलहाल ब्रेक ले रहा हूं…
नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल 42 सीटों में से 29 पर जीत दर्ज की है। यह पिछले चुनाव से सात सीट ज्यादा है। पार्टी के महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने भी डायमंड हार्बर सीट पर 7.10 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। उन्हें कुल 10 लाख से ज्यादा वोट मिले लेकिन इस बड़ी जीत के एक हफ्ते बाद उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कुछ ऐसा लिखा कि राज्य में और खासकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के भीतर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को सोशल मीडिया एक्स पर एक लंबे पोस्ट में इस चुनाव में बड़ी जीत दिलाने के लिए जनता को धन्यवाद दिया है लेकिन उसी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि वह थोड़े समय के लिए फिलहाल ब्रेक ले रहे हैं। उनके ब्रेक लेने की सूचना से राज्य की सियासत में तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बनर्जी नई सरकार के गठन के बाद पहले संसदीय सत्र और जुलाई में प्रस्तावित बजट सत्र में भी शामिल नहीं होंगे।
एक्स पर अभिषेक बनर्जी ने लिखा, "पिछले साल इसी समय के आसपास मुझे नबोजोवार यात्रा में भाग लेने का मौका मिला था। मैंने जमीनी स्तर पर लोगों के सामने आने वाली समस्याओं और चुनौतियों को समझने के लिए तब पूरे पश्चिम बंगाल की यात्रा की थी। बढ़ती कीमतों और मनरेगा के बकाया भुगतान में रोक के कारण होने वाली कठिनाइयों को प्रत्यक्ष रूप से देखने से मैं बहुत प्रभावित हुआ। इसके जवाब में @AITCofficial ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए मामले को दिल्ली तक ले गया।। शुक्र है कि फरवरी में इस पर ध्यान दिया गया और परिवारों की मदद के लिए लक्ष्मी भंडार योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता में वृद्धि की गई।"
इसी के साथ उन्होंने विश्वास जताने के लिए जनता के प्रति आभार जताया और लिखा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आम लोगों के गुस्से और हताशा को दर्शाते हैं। उन्होंने लिखा कि लोकसभा चुनावों का जनादेश राज्य के प्रति केंद्र की उपेक्षा से लोगों में नाराजगी का प्रदर्शन है। इसके बाद बनर्जी ने लिखा कि इलाज के लिए मैं संगठन से कुछ समय के लिए ब्रेक ले रहा हूं। इस दौरान इस समय का इस्तेमाल लोगों की जरूरतों को समझने के लिए होगा।
बता दें कि इससे पहले अभिषेक बनर्जी साल 2023 में आंखों के इलाज के लिए विदेश गए थे लेकिन यह पहला मौका है, जब उन्होंने इस तरह सार्वजनिक रूप से ब्रेक लेने का ऐलान किया है। बंगाल के राजनीतिक हलकों और उनकी पार्टी में इस अचानक राजनीतिक घोषणा को लेकर चर्चा है। दूसरी तरफ, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ममता बनर्जी और उनके राजनीतिक वारिस अभिषेक के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद रहा है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों के दौरान टिकट बंटवारे के दौरान यह विरोध तब दिखा, जब अभिषेक बनर्जी के विरोध के बावजूद कुछ चेहरों की उम्मीदवारी बरकरार रही, जबकि अभिषेक वहां नए और युवा चेहरों को उतारना चाहते थे।