स्मार्टफोन का इस्तेमाल 3 दिनों तक न करें, डेली लाइफ में दिखेंगे 7 बदलाव

नई दिल्ली

अगर हम आपसे कहें कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल 3 दिनों तक न करें, तो आपका क्या रिएक्शन होगा? 72 घंटों तक बिना फोन का इस्तेमाल किए रहना आजकल की दुनिया में काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि हमारे लगभग सभी काम इसी पर होते हैं।

मनोरंजन हो या सोशल नेटवर्किंग सबकुछ स्मार्टफोन से ही होता है। लेकिन इसके इस्तेमाल को कम करने से आपके दिमाग में कुछ हैरान करने वाले बदलाव हो सकते हैं। इस बारे में एक स्टडी भी हुई है। आइए जानें इस बारे में।

क्या है यह स्टडी?
इस स्टडी में युवाओं को 72 घंटे तक फोन का कम से कम इस्तेमाल करने को कहा गया। वे फोन का इस्तेमाल सिर्फ काम के सिलसिले में या अपने परिवार और दोस्तों के साथ कॉन्टेक्ट में रहने के लिए ही कर सकते थे। इस रिसर्च से पहले सभी प्रतिभागियों का ब्रेन स्कैन किया गया, जिसमें क्रेविंग और रिवॉर्ड वाले हिस्से पर फोकस किया गया है।

72 घंटे तक स्मार्टफोन के इस्तेमाल को रेस्ट्रिक्ट करने के बाद ब्रेन स्कैन में प्रतिभागियों के ब्रेन केमिस्ट्री में बदलाव देखने को मिले। स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम होने की वजह से प्रतिभागियों के दिमाग में एडिक्टिव सब्स्टांस के विड्रॉवल जैसे रिएक्शन देखने को मिले। इससे यह समझा जा सकता है कि स्मार्टफोन एडिक्शन कितना गंभीर है और इसके इस्तेमाल को कम करने की कितनी ज्यादा जरूरत है।

तनाव में कमी
फोन का लगातार इस्तेमाल करने से हमारा दिमाग हमेशा एक्टिव रहता है। नोटिफिकेशन, मैसेज और सोशल मीडिया अपडेट्स की भरमार हमें मानसिक रूप से थका देती है। 3 दिन तक फोन से दूर रहने से हमारा दिमाग शांत होता है और तनाव कम हो जाता है। इससे हम ज्यादा शांत और बैलेंस्ड महसूस करते हैं।

फोकस करने की क्षमता में सुधार
फोन के बार-बार इस्तेमाल से हमारा ध्यान भटकता रहता है। फोन आसपास होने से भी हमारा ध्यान बार-बार उसी ओर जाता रहता है। 3 दिन तक फोन का इस्तेमाल न करने से हमारा दिमाग फोकस्ड होता है और हम अपने काम पर बेहतर ढंग से फोकस कर पाते हैं। इससे प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है।

नींद की गुणवत्ता में सुधार
फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट हमारे मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है, जो नींद के लिए जिम्मेदार होता है। फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने से नींद की गुणवत्ता खराब होती है। 3 दिन तक फोन से दूर रहने से हमारी नींद का पैटर्न सुधरता है और हम ज्यादा गहरी और आरामदायक नींद ले पाते हैं।

क्रिएटिविटी में बढ़ोतरी
फोन के इस्तेमाल से हमारा दिमाग लगातार इनफॉर्मेशन से भरा रहता है, जिससे क्रिएटिव थिंकिंग कम हो जाती है। फोन से दूर रहने पर हमारा दिमाग खुलकर और ज्यादा बेहतर ढंग से सोच पाता है। इससे नई चीजें सीखने और क्रिएटिव थॉट्स विकसित करने की क्षमता बढ़ती है।

सोशल कनेक्शन में सुधार
फोन के ज्यादा इस्तेमाल से हम वास्तविक दुनिया से कटने लगते हैं। फोन का कम इस्तेमाल करने से हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिता पाते हैं। इससे रिश्तों में मजबूती आती है और हम ज्यादा खुश महसूस करते हैं।

सेल्फ रिफ्लेक्शन के लिए समय
फोन से दूर रहने पर हमें अपने विचारों और भावनाओं को समझने का मौका मिलता है। यह सेल्फ रिफ्लेक्शन हमें अपने जीवन के गोल्स और प्रायोरिटीज के बारे में बेहतर तरीके से सोचने और इन्हें तय करने में मदद करता है। इससे हमारा मानसिक संतुलन बेहतर होता है।

डिजिटल डिटॉक्स
तीन दिन तक फोन का इस्तेमाल न करना एक तरह का डिजिटल डिटॉक्स है। यह हमें डिजिटल दुनिया के नेगेटिव प्रभावों से दूर रखता है और हमें असल जिंदगी के साथ जोड़ता है। इससे हमारी मेंटल और इमोशनल हेल्थ बेहतर होती है।

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