चीन के जियांग्शी प्रांत में बारिश ने कहर ढाया, 460 लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया

 जियांग्शी

चीन के दक्षिणी प्रांत गुआंगदोंग में ऐसी बारिश हुई है कि बड़ा इलाका तालाब में तब्दील हो गया है। बीते 65 सालों में हुई सबसे ज्यादा बारिश के चलते 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 10 लोग लापता हैं। इस बारिश का सबसे ज्यादा असर गुआंगदोंग की राजधानी गुआंगझू में दिखा है। इसके अलावा पर्ल नदी की तलहटी पर बसे पर्ल रिवर डेल्टा में बड़ा इलाका पानी में डूब गया है। इस बारिश से ऐसी आपदा आई है कि प्रशासन ने करीब सवा लाख लोगों को निकाला गया है। यही नहीं करीब 26 हजार लोगों को शेल्टर होम्स में भेजा गया है।

ग्वांगझू में अप्रैल माह में 60.9 सेंटीमीटर बारिश हुई है। 1959 के बाद यह पहला मौका है, जब ग्वांगझू में इतनी भीषण बारिश हुई है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार झाओकिंग शहर में तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि एक मौत शाओगुआन सिटी में हुई है। हालांकि यह जानकारी नहीं मिली है कि इन लोगों की कैसे मौत हुई है। बीते शनिवार से शुरू हुई बारिश का सबसे ज्यादा असर गुआंगदोंग प्रांत के इन दो शहरों में ही देखने को मिला है। हालात ऐसे हो गए हैं कि शहर के अंदर सड़कों पर नावें चल रही हैं।

बाजारों और रिहायशी इलाकों से लोगों को रबड़ की नावों के जरिए निकाला जा रहा है। पड़ोस के ही जियांग्शी प्रांत में भी बारिश ने खूब कहर ढाया है और वहां से 460 लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है। इस बारिश से बड़े पैमाने पर फसलों को भी नुकसान हुआ है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस बारिश से करीब 41 मिलियन युआन है। गुआंगदोंग को दुनिया का फैक्ट्री फ्लोर कहा जाता है। यहां पर बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां हैं, जहां बारिश से बड़ा नुकसान हुआ है। 6 दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब यहां इतनी बारिश हुई है।  

इस बारिश के चलते बड़े पैमाने पर आलू और धान के खेतों को नुकसान पहुंचा है। आमतौर पर यहां मई और जून के दौरान बारिश होती है, लेकिन अप्रैल में ही ऐसी बारिश होना चिंता बढ़ाने वाला है। इस बारिश के चलते शहरी इलाकों में ऐसी हालत हुई है कि लोगों के गले तक पानी आ गया। बड़ी संख्या में लोग घरों की छतों पर बैठे पाए गए ताकि पानी में डूबने से बच सकें। फिलहाल बारिश थोड़ी थमी है तो बचाव कार्य शुरू किया गया है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button