जयपुर जिले में बुधवार को होगा किसान रजिस्ट्री शिविरों का आगाज, हर किसान को मिलेगी 11 अंकों की एक विशिष्ट पहचान

 

 जयपुर में 31 मार्च तक ग्राम पंचायतों में होगा किसान रजिस्ट्री शिविरों का आयोजन

जिला कलक्टर के निर्देश पर जिला स्तरीय हेल्प डेस्क का किया गया गठन

फार्मर आईडी के अलावा किसानों को विभागीय योजनाओं से भी किया जाएगा लाभांवित

 

जयपुर,

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशों की अनुपालना में बुधवार, 5 फरवरी से जयपुर जिले की ग्राम पंचायतों में किसान रजिस्ट्री शिविरों का आयोजन होगा। शिविरों के सफल आयोजन के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर जिला स्तरीय हेल्प डेस्क का गठन किया गया है। अपनी ग्राम पंचायत में शिविर के आयोजन सहित अन्य जानकारियां हासिल करने के लिए आमजन एवं किसान दूरभाष नंबर 0141-2209905, 0141-2209906 पर संपर्क कर सकते हैं।

5 फरवरी को जयपुर जिले के मौजमाबाद के मोखमपुरा, किशनगढ़-रेनवाल के लुनियावास, जयपुर के सुमेल, जोबनेर के ढाणी नागान, आमेर के लबाना, सांगानेर के गोनेर, फुलेरा-सांभरलेक के हबसपुरा, जमवारामगढ़ के भानपुरा कलां, बस्सी के कानोता, कालवाड़ के बेगस, चौमूं के नांगल कलां, शाहपुरा के नायन, तुंगा के माधोगढ़, माधोराजपुरा के ढाबिच, फागी के लदाना, चाकसू के टुटोली, दूदू के सुनाड़िया सहित कोटखावदा और आंधी ग्राम पंचायत में शिविरों लगेंगे।

किसान रजिस्ट्री शिविरों के सफल आयोजन एवं आमजन की सुविधा हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी मौके पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। फार्मर रजिस्ट्री किसानों को सशक्त करने के लिए उन्हें डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को जयपुर जिले में किसान रजिस्ट्री शिविरों के सफल आयोजन एवं जिले के समस्त किसानों का एग्रीस्टैक पर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने शिविरों के व्यापक प्रचार प्रसार के भी निर्देश दिये हैं ताकि जिले के प्रत्येक किसान को ना केवल शिविरों के आयोजन की जानकारी हो बल्कि शिविरों में किसान फार्मर आईडी बनाने के साथ-साथ अन्य विभागीय योजनाओं से लाभांवित हों सकें।

प्रातः 9:30 बजे से सायं 5:30 बजे तक होगा शिविरों का आयोजन—

एग्रीस्टैक योजनांतर्गत जयपुर में किसान रजिस्ट्री अभियान का आयोजन ग्राम स्तर पर 5 फरवरी से 31 मार्च तक किया जायेगा। इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित शिविरों में किसानों की विशिष्ट किसान आईडी बनाई जायेगी। शिविरों का आयोजन प्रातः 9ः30 बजे से सायं 5ः30 बजे तक किया जाएगा।

शिविर में किसान आईडी तैयार करने के साथ साथ प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना, मुख्यमंत्री आरोग्य आयुष्मान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड मंगला पशु बीमा योजना, पशु टीकाकरण, पशु चिकित्सा एवं उपचार सहित पशुपालन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित अन्य विभागों की योजनाओं से भी किसानों को लाभांवित किया जाएगा।

अभियान के अंतर्गत प्रत्येक किसान को विशिष्ट फार्मर आईडी 11 अंकों की प्रदान की जायेगी। किसानों द्वारा आईडी बनवाने के लिये आधार कार्ड, जमाबंदी, मोबाईल नम्बर की जरूरत होगी। भविष्य में किसानों को सरकारी योजनाओं व सेवाओं तक आसान पहुंच करने, प्रधानमंत्री किसान/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये फार्मर रजिस्ट्री के माध्यम से प्राप्त आईडी उपयोगी होगी।

बेहद सरल है फार्मर आईडी बनवाने की प्रक्रिया—

शिविर कार्यक्रमानुसार 5 फरवरी से राज्य में सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर शिविर आयोजित करवाये जा रहे हैं। कृषि भूमि से संबंधित व्यक्ति ग्राम पंचायत के शिविर में जाकर फार्मर आईडी बनवा सकते हैं। फार्मर आईडी बनाने के लिए किसान को महज अपना आधार कार्ड, आधार से लिंक्ड मोबाइल नम्बर वाला फोन और नवीनतम जमाबंदी लेकर शिविर में आना होगा। अपनी ग्राम पंचायत में शिविर कार्यक्रम की जानकारी www.rjfrc.rajasthan.gov.in पोर्टल पर जाकर प्राप्त की जा सकती है।

हर किसान को मिलेगी 11 अंकों की एक विशिष्ट पहचान—

किसान रजिस्ट्री, एग्रीस्टैक परियोजना के तहत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की एक पहल है। कृषक विवरण (कृषक का जनसांख्यिकीय विवरण, उसके द्वारा धारित कृषि भूमि का विवरण, प्रत्येक कृषि भूखण्ड के जीपीएस निर्देशांक, उस पर बोई गई फसलों का विवरण आदि) को डिजिटल इन्फास्ट्रक्चर में संकलित किया जाकर, प्रदेश के प्रत्येक किसान को ’आधार’ आधारित एक 11 अंकों की एक यूनिक आईडी (विशिष्ट किसान आईडी) आवंटित की जाएगी, जिससे किसान डिजिटल रूप से अपनी पहचान प्रमाणित कर सकेंगे।

किसान आईडी डिजिटली सत्यापन योग्य पहचान है, जिसे www.rjfr.agristack.gov.in पोर्टल पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं। फार्मर आईडी जनरेट होने के बाद भूमि संशोधन (खसरा जोड़ने या हटाने) के लिए पटवारी, भू-अभि. निरीक्षक या तहसीलदार से सम्पर्क किया जा सकता है।

इस हेतु मोबाइल एप/वेबसाइट द्वारा प्रदेश के समस्त कृषकों के स्वामित्व वाले सभी खसरों को सम्मिलित करते हुए कृषक के 'आधार' से लिंक कराया जाएगा, तत्पश्चात कृषक से ऑनलाइन सहमति प्राप्त करते हए ई-हस्ताक्षर की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

इसलिए उपयोगी है किसान रजिस्ट्री—

भविष्य में प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक है। राज्य एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे पात्र किसानों को प्रदान करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक होगी। भविष्य में नामांतरण एवं क्रय-विक्रय पंजीयन की प्रक्रिया में भी फार्मर आईडी आवश्यक होगी।

किसान रजिस्ट्री से किसानों को लाभ—

किसान आईडी (बिना अतिरिक्त दस्तावेज) के माध्यम से सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं तक पहुंच आसान हो सकेगी। पात्र किसान का प्रधानमंत्री-किसान/मुख्यमंत्री-किसान सम्मान निधि योजना, अन्य योजनाओं में स्वतः जुड़ना सम्भव होगा। किसानों से फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्यों एवं अन्य योजनाओं में त्वरित (बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के) खरीद संभव हो सकेगी। किसान की फसल के अनुसार डिजिटल तरीके से फसलों का बीमा संभव होगा।

इसके अतिरिक्ति किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण आसानी एवं शीघ्रता से मिल सकेगा। किसानों को फसलों के लिए सेवाओं और बाजारों का व्यापक विकल्प मिल सकेगा। किसान अपनी फसलों, मृदा की स्थिति और कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार परामर्श सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, सरकारी योजनाओं में लाभों का समान वितरण सुनिश्चित हो सकेगा, साथ ही लाभ से वंचित पात्र किसानों की पहचान संभव होगी ।

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