इंदर सिंह परमार बोले – राहुल और प्रियंका गांधी को अंबेडकर के मूल ग्रंथों को पढ़ने की जरूरत

भोपाल.
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं से डाॅ अंबेडकर के मूल ग्रंथों को पढ़ने की सलाह दी है। उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि संविधान के निर्माण में डॉ अंबेडकर ने बड़ा योगदान दिया, वे इस देश के राष्ट्र पुरुष है और किसी पंथ जाति से ऊपर हैं। कांग्रेस के लोग जब डॉ अंबेडकर की बात करते हैं तो उन्हें अपने पूर्वजों के इतिहास को देखना चाहिए। क्या कभी उन्होंने डॉ अंबेडकर को चुनाव जीतने दिया। डॉ अंबेडकर ने दुनिया के हर मंच पर कांग्रेस की दोगली नीति की आलोचना की, क्योंकि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर रहा है।

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति के लिए उच्च शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “बांग्लादेश में आज जो भुगत रहे हैं वह कांग्रेस की देन है। डाॅ अंबेडकर के अनुसार चला जाता तो यह भुगतना नहीं पड़ता, पाकिस्तान नहीं बनता। कांग्रेस ने डॉ अंबेडकर के कहे को नहीं माना और देश में आतंकवाद और अराजकता है। डॉ अंबेडकर के मूल ग्रंथों को कांग्रेस के लोगों को पढ़ने की जरूरत है खासकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को। ऐसा इसलिए क्योंकि राहुल और प्रियंका को भारत की धरती का कम ज्ञान है और यह मान्यता भी है जो विदेशों के द्वारा पोषित संस्थान देश में चलाते हैं उनकी मानसिकता भी उसी प्रकार की होती है। मुझे लगता है कि कांग्रेस को वही हो गया।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया और कहा कि कांग्रेस के लोग रोज बाबा साहब अंबेडकर का नाम लेते हैं, मगर काम उल्टा करते हैं और इन्होंने बाबासाहेब का अपमान भी किया है। कई सालों तक कांग्रेस सरकार में रही मगर उनसे जुड़े पांच स्थानों के उद्धार और स्थापित करने का काम नरेंद्र मोदी सरकार ने किया जिसमें अमित शाह मंत्री हैं। मंत्री परमार ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार का स्पष्ट मत है कि भारत की मान्यताओं में, भारत की सभ्यता में डॉ अंबेडकर का विशेष स्थान है। वह सब के लिए सम्मानीय हैं। भारतीय संविधान में उनका अतुलनीय योगदान है।

कांग्रेस की ओर से भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप लगाए जाने का जवाब देते हुए कहा कि जहां तक संविधान को बदलने की बात है तो कांग्रेस विचार करे कि उन्होंने कितनी बार भारत के संविधान को बदलने की कोशिश की। यहां तक की उन्होंने मूल भावना को भी बदल दिया। भीमराव अंबेडकर ने धर्मनिरपेक्ष शब्द नहीं लिखा था, पंथनिरपेक्षता लिखा था। अंबेडकर के उस दर्शन को बदलने का पाप तो कांग्रेस ने ही किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button