हॉर्मुज जलडमरूमध्य के निकट ईरानी सेना ने मालवाहक जहाज को जब्त कर लिया, नई दिल्ली से लेकर तेहरान तक बैठकें
ईरान
हॉर्मुज जलडमरूमध्य के निकट ईरानी सेना ने मालवाहक जहाज को जब्त कर लिया। इस पर 15 भारतीय भी सवार थे, जिन्हें मुक्त कराने के लिए भारत सरकार ईरान के संपर्क में है। इजराइली अरबपति कारोबारी के आंशिक स्वामित्व वाली कंपनी से यह जहाज जुड़ी हुई थी। ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में यह घटनाक्रम हुआ है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत अपने नागरिकों की सलामती और उन्हें शीघ्र मुक्त कराने को सुनिश्चित करने में लगा हुआ है। इसके लिए राजनयिक माध्यमों से तेहरान और नई दिल्ली में ईरानी अधिकारियों के समक्ष यह विषय उठाया है।
सीरिया में 12 दिन पहले ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के जवाब में इजराइली क्षेत्र पर ईरान के हमला करने की आशंका बढ़ने के बीच यह घटना हुई। भारत सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘हम जानते हैं कि मालवाहक जहाज एमएससी एरीज को ईरान ने अपने कब्जे में ले लिया है। हमें पता चला है कि जहाज पर 17 भारतीय नागरिक सवार हैं। हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, कुशलता और उन्हें शीघ्र मुक्त कराना सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं। इसके लिए तेहरान और दिल्ली, दोनों जगहों पर राजनयिक माध्यमों से ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं।’
25 सदस्यों की सलामती और वापसी की कोशिशें जारी
एमएससी (मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी) ने कहा कि वह चालक दल के 25 सदस्यों की सलामती और जहाज की वापसी के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि जहाज के चालक दल में भारतीय, फिलीपीन, पाकिस्तानी, रूसी और एस्टोनियाई नागरिक शामिल हैं। ईरान की समाचार एजेंसी आईआरएनए की खबर के अनुसार, पुर्तगाल के ध्वज वाले जहाज का संचालन जोडियाक मेरीटाइम शिपिंग कंपनी कर रही है, जिसका आंशिक स्वामित्व इजराइली कारोबारी इयाल ओफर के पास है।
एमसीएस एरीज नाम का जहाज हुआ जब्त
आईआरएनए की खबर में कहा गया कि इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कोर (आईआरजीसी) के विशेष नौसेना बलों ने शनिवार को हॉर्मुज जलडमरूमध्य के पास एमसीएस एरीज नाम के जहाज को जब्त कर लिया। वे इसे ईरान के जल क्षेत्र की ओर ले जा रहे हैं। तनाव बढ़ने के बीच, इजरायली सैन्य प्रवक्ता डेनियल हागेरी ने कहा, ‘स्थिति को और अधिक गंभीर बनाने का विकल्प चुनने के अंजाम ईरान को भुगतने होंगे।’ दमिश्क में 1 अप्रैल को ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमले के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है। ईरानी मीडिया ने बताया कि हमले में 2 जनरल सहित रिवोल्यूशनरी गार्ड के 7 कर्मी मारे गए।