बाल विवाह की कुप्रथा से बचाई गई छात्रा सभी बाधाओं को पार करते हुए बोर्ड के प्रथम वर्ष की परीक्षा में अव्वल आई

कुरनूल
बाल विवाह की कुप्रथा में झोंकने से बचाई गई एक छात्रा सभी बाधाओं को पार करते हुए आंध्र प्रदेश में इंटरमीडिएट बोर्ड के प्रथम वर्ष की परीक्षा में अव्वल आई है। ‘बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट' के सचिव सौरव गौड़ ने शनिवार को बताया कि कुरनूल जिले की छात्रा जी निर्मला ने 440 में से 421 अंक हासिल किए हैं और ‘टॉप' किया है।

पुलिस अधिकारी बनना चाहती है निर्मला
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘अपने परिवार द्वारा बाल विवाह के लिए मजबूर किए जाने और पिछले साल जिला प्रशासन द्वारा बचाए जाने से लेकर इंटरमीडिएट परीक्षा में अव्वल आने तक उसने (निर्मला ने) लंबा सफर तय किया है।'' निर्मला भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी बनना चाहती हैं और बाल विवाह की कुप्रथा को खत्म करने की दिशा में काम करना चाहती हैं।

कोंचिंग पढ़ाकर अपना खर्च उठाया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा जी निर्मला के माता-पिता काफी गरीब थे और पढ़ाने के लिए पैसा नहीं था। इसलिए बेटी ने कोंचिंग पढ़ाकर अपना खर्च उठाया। मां-बाप ने शादी करने के लिए बेटी पर काफी दबाव डाला। उसकी तीन बहनों की शादी हो चुकी है और उसकी भी शादी करके मां-बाप अपने सिर को बोझ कम करना चाहते थे। उन्होंने बाल विवाह करने की तैयारी कर ली थी लेकिन लड़की ने बाल विवाह रूकवाकर पढ़ाई की और 12वीं की टॉपर बन गई।

विधायक ने रोका बाल विवाह
रिपोर्ट के अनुसार, जब उसके माता-पिता बाल विवाह को लेकर अड़े रहे तो वह शिकायत करने एक करने एक कार्यक्रम में शामिल होने आए विधायक वाई साई प्रसाद रेड्डी के पास पहुंची, जिन्होंने उसकी शिकायत पर संज्ञान लिया और कलेक्टर जी सृजना से उसकी मदद करने का आदेश दिया। उनके हस्तक्षेप से निर्मला को बाल विवाह से बचाया गया।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button