उत्तरी छत्तीसगढ़ में शीतलहर का दिखने लगा असर, मैनपाट में बिछा पाला
अंबिकापुर
पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश ने ठंड के तेवर तीखे कर दिए हैं। मौसम साफ होते ही सरगुजा संभाग में तापमान में भारी गिरावट के साथ कोहरे का प्रभाव देखा जा रहा है।
बुधवार को मैनपाट में इस सीजन में पहली बार पाला जमा। यहां का न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। संभाग मुख्यालय अंबिकापुर में 48 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान में लगभग छह डिग्री सेल्सियस की गिरावट के कारण कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ रही है।
यहां का पारा सात डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। शीतलहर चलने से लोग बेहाल हैं। दिन में भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल रही है। सरगुजा कलेक्टर ने जिले के सभी स्कूलों के संचालन समय में परिवर्तन किया है। इधर, मैनपाट के नर्मदापुर, कमलेश्वरपुर, बरिमा सहित आसपास के इलाके में बुधवार की सुबह पाला जमा रहा।
उत्तर भारत में बर्फबारी से प्रभावित हुआ मौसम
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट ने बताया कि पिछले दिनों सक्रिय विक्षोभ के कारण उत्तराखंड व हिमालय क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई। इससे शुष्क हवा का प्रवाह सीधे उत्तरी छत्तीसगढ़ के मौसम को प्रभावित कर रहा है। अगले 48 घंटों तक कड़ाके की ठंडी पड़ेगी। इस दौरान न्यूनतम तापमान में एक दो डिसे की और गिरावट हो सकती है।
उत्तर भारत की सर्द हवा अभी और बढ़ाएगी ठंड
उत्तर के पहाड़ों पर एक-दो दिनों से भारी बर्फबारी का असर मैदानी भागों में भी दिखने लगा है। सर्द हवा का दायरा बढ़ गया है। पहाड़ों पर अगले एक-दो दिनों तक हिमपात जारी रहने के आसार हैं। इसके असर से एक सप्ताह तक तापमान में दिन प्रतिदिन गिरावट आती जाएगी।
तापमान में गिरावट का असर जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं ओडिशा तक दिखेगा। बिहार और झारखंड भी सर्द हवाओं से अछूते नहीं रहेंगे। ठंडी हवाओं के चलते दिल्ली का न्यूनतम तापमान इस मौसम में पहली बार बुधवार को पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे आया है।
मौसम में सारा फर्क मजबूत पश्चिमी विक्षोभ ने डाला है। इसके असर से बड़े क्षेत्र में बारिश के साथ हिमपात हुआ है। इससे कई इलाकों का तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। देश में बुधवार को सबसे कम तापमान राजस्थान के चुरू में 1.8 डिग्री सेल्सियस रहा।