मित्तल का नि: स्वार्थ सेवा ईश्वरीय कार्य है : सुशील अग्रवाल
राजनंदगांव.
अग्र बायोडाटा सेंटर रायपुर एवं सत्यनारायण मंदिर समिति के तत्वावधान में आयोजित तोतले बच्चों के उपचार के 35 वें शिविर का शुभारंभ 17 अक्टूबर को सत्यनारायण धर्मशाला में शुभारंभ करते हुए जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नेतराम नवरतन ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में उसकी आवाज का विशेष महत्व होता है सुस्पष्ट आवाज उसके व्यक्तित्व की पहचान हुआ करती है। आवाज में अगर तोतलापन हो तो बच्चे के मन में हीन भावना ग्रसित हो जाती है और उसका व्यक्तित्व विकास रुक जाता है।
मंदिर समिति द्वारा आयोजित ऐसे बच्चों के उपचार का शिविर वास्तव में अभिनंदनीय है जहां किसी भी प्रकार का कोई शुल्क ना लेते हुए मात्र स्पीच थेरेपी के माध्यम से तोतले बच्चों का उपचार किया जा रहा है। शासन के द्वारा भी 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के विभिन्न रोगों के उपचार के लिए चिरायु योजना के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है इसका लाभ भी अभिभावक ले सकते हैं।
सत्यनारायण मंदिर समिति के अध्यक्ष अशोक लोहिया ने स्वागत उद्बोधन देते हुए जानकारी दी की वर्ष 2022 में भी ऐसे बच्चों का उपचार शिविर मंदिर समिति द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें 40 बच्चों ने भाग लिया था जिसमें 34 बच्चों को 100 प्रतिशत सफलता प्राप्त हुई थी। यह शिविर समाजसेवी सुशील अग्रवाल की प्रेरणा से आयोजित किया गया है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सुशील अग्रवाल ने कहा कि सत्यनारायण जी मित्तल की निस्वार्थ भाव से की गई सेवा ईश्वरीय कार्य है, जहां बिना कोई शुल्क या दवा के उपचार किया जाता है।