‘कर्मयोगी सप्ताह’ की पहल सीखने और विकास के लिए एक नई प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेगी

नई दिल्ली
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शनिवार को ‘कर्मयोगी सप्ताह’ यानी राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह की शुरुआत करेंगे। इसके तहत लोक सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकसित करने की दिशा में नए सिरे से प्रोत्साहन देने की कवायद की जाएगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ ने बताया कि ‘मिशन कर्मयोगी’ की शुरुआत सितंबर 2020 में की गई थी और तब से इसने पर्याप्त प्रगति की है। इसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ भारतीय लोकाचार में निहित भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा की कल्पना की गई है।

बयान में कहा गया राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह लोक सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकास की दिशा में नई गति प्रदान करने वाला, अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा।

पीएमओ ने कहा कि यह पहल सीखने और विकास के लिए एक नई प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेगी। राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का उद्देश्य ‘एक सरकार’ का संदेश देना, सभी को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ना और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना है।

यह कार्यक्रम व्यक्तिगत प्रतिभागियों और मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा जुड़ाव के विभिन्न रूपों के माध्यम से सीखने के लिए समर्पित होगा।

इस दौरान, प्रत्येक ‘कर्मयोगी’ कम से कम चार घंटे की योग्यता से जुड़े गुर सीखने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा।

प्रतिभागी प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा आईजीओटी, वेबिनार (सार्वजनिक व्याख्यान या नीति विशेषज्ञों की कक्षाएं) पर व्यक्तिगत भूमिका-आधारित मॉड्यूल के संयोजन के माध्यम से लक्षित घंटों को पूरा कर सकते हैं।

बयान में कहा गया है कि सप्ताह के दौरान, प्रख्यात वक्ता अपनी विशेषज्ञता के विषय पर व्याख्यान देंगे और कर्मयोगियों को अधिक प्रभावी तरीके से नागरिक-केंद्रित वितरण की दिशा में काम करने में मदद करेंगे।

सप्ताह के दौरान, मंत्रालय, विभाग और संगठन क्षेत्र विशिष्ट दक्षताओं को बढ़ाने के लिए सम्मेलन और कार्यशालाएं भी आयोजित करेंगे।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button