इजराइली एजेंटों ने पेजर ताइवानी ब्रांड गोल्ड अपोलो का बताकर दिया धोखा
बेरूत
बेरूत के दक्षिणी उपनगर और हिजबुल्लाह के गढ़ वाले इलाकों में हजारों पेजर ब्लास्ट ने चरमपंथी समूह को हिलाकर कर रख दिया था। इजराइली खुफिया एजेंसी ने एक बड़ी योजना के तहत हिजबुल्लाह के लड़ाकों के पेजर को बम में बदल दिया था। इसके लिए इजराइली जासूसी ने एक लंबी योजना तैयार की थी, जिसमें बैटरी के डिजाइन के साथ कवर स्टोरी भी तैयार की गई थी। इसमें एक कमजोरी भी थी। लेकिन इजराइली योजना की हिजबुल्लाह को भनक तक नहीं लगी।
इसमें एक कमी भी थी। पेजर की बैटरी इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल लिथियम ऑयन बैटरी पैक जैसी ही थी लेकिन समस्या थी कि पेजर की तरह यह बाजार में मौजूद नहीं थी। इसलिए इजराइली एजेंटों ने एक बैकस्टोरी बनाई। पेजर के लिए इजराइली एजेंटों ने मशहूर ताइवानी ब्रांड गोल्ड अपोलो का बताकर हिजबुल्लाह को धोखा दिया। एक रिपोर्ट में पेजर के अध्ययन और खुफिया सूत्रों से पता चला है कि एक बैटरी विशेषज्ञ ने बताया कि विस्फोटक के लिए पीईटीएन का इस्तेमाल किया गया था। एक लेबनानी स्रोत ने कहा कि हिजबुल्लाह ने पाया था कि बैटरी अपेक्षा से ज्यादा तेजी से गर्म हो रही थी। हालांकि, इससे कोई बड़ी चिंता नहीं हुई। समूह हमले से कुछ घंटे पहले तक अपने सदस्यों को पेजर बांट रहा था।
रिपोर्ट में कहा गया था कि हजारों पेजर एक साथ फटे। ज्यादातर मामलों में डिवाइस में मैसेज आने के बीप वाले संकेत के बाद इसमें ब्लास्ट हुआ। यह भी योजना का ही हिस्सा था, ताकि विस्फोट के समय पेजर हाथ और चेहरे के पास रहे। हमले में करीब 3000 लोग घायल हो गए थे। पेजर हमले के अगले ही दिन वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुए। दोनों हमलों में कम से कम 39 लोगों की मौत हुई थी और 3400 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। पश्चिमी सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि इजराइली खुफिया एजेंसी ने इन पेजर और वॉकी-टॉकी हमलों की योजना बनाई थी। इसके लिए इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबुल्लाह के सप्लाई सिस्टम में घुसपैठ कर ली थी। हिजबुल्लाह को जिस डीलर ने पेजर सप्लाई किए वह मोसाद का ही एजेंट था। यही नहीं, इन पेजर को मोसाद की निगरानी में ही तैयार किया गया था।
पेजर बम वाली तकनीक का हुआ खुलासा, देशी जुगाड़ ने दुनिया को हिला दिया
हिजबुल्ला ह पर पिछले महीन इजरायल ने पेजर अटैक कर हर किसी को चौंका दिया। इतने छोटे से दिखने वाले पेजर को आखिर इजरायल ने कैसे चलते फिरते बम में बदल दिया, ये सोचकर हर कोई हैरान था। एक एजेंसी की तरफ से अब इस मामले में एक अहम रिपोर्ट प्रकाशित की गई है, जिसमें लेबनान सूत्रों के हवाले से पेजर को बम में बदलने की इजरायली तकनीक के बारे में विस्तारर में बताया गया है।
फरवरी में पेजर प्राप्त करने के बाद हिजबुल्लाह ने विस्फोटकों की उपस्थिति की जांच की। उन्हें हवाई अड्डे के सुरक्षा स्कैनर के माध्यम से यह देखने के लिए डाला कि क्या वे अलार्म ट्रिगर करते हैं। कुछ भी संदिग्ध नहीं बताया गया। दो बम विशेषज्ञों ने कहा कि उपकरणों को बैटरी पैक के अंदर एक चिंगारी उत्पन्न करने के लिए सेट किया गया था, जो विस्फोट करने वाली सामग्री को जलाने के लिए पर्याप्त था, और शीट को विस्फोट करने के लिए ट्रिगर करता था। क्योंरकि विस्फोटक और उसके कवर ने लगभग एक तिहाई हिस्सा ले लिया था, लिहाजा बैटरी पैक में 35 ग्राम वजन के अनुरूप शक्ति का एक अंश था।
दरअसल, पेजर बनाने वाले एजेंटों ने एक ऐसी बैटरी डिजाइन की थी, जिसमें प्लास्टिक विस्फोटक का एक छोटा लेकिन शक्तिशाली चार्ज और एक नया डेटोनेटर छिपा था, जिसे देख पाना भी संभव नहीं है। पेजर बम का गुप्त डिजाइन और बैटरी की सावधानीपूर्वक बनाई गई कवर स्टोरी, दोनों के बारे में विस्तानर में बताया गया। ये पूरा ऑपरेशन एक दो दिन या महीने में नहीं, बल्कि सालों की मेहनत के बाद पूरा हुआ। छह ग्राम सफेद पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट प्लास्टिक विस्फोटक का इसमें इस्ते माल किया गया। उसके साथ एक पतली स्वेइट्रयर शीट का इस्तेंमाल किया गया। दोनों की कोशिकाओं को आपस में निचोड़ा गया।
बताया गया कि बैटरी कोशिकाओं के बीच बाकी स्थान अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ की एक पट्टी द्वारा कब्जा कर लिया गया था, जिसने डेटोनेटर के रूप में काम किया। इस पूरे प्रोसेस की तस्वी र भी दिखाई गई, जिससे पता चलता है कि इस तीन-परत वाले सैंडविच को एक काले प्लास्टिक की स्लीाव में डाल दिया गया था और एक धातु के कवर में वो लगभग एक माचिस के आकार का था। दो बम विशेषज्ञों ने बताया कि असेंबली असामान्य थी क्योंकि यह एक स्टैं डर्ड छोटे डेटोनेटर या यूं कहें कि आमतौर पर दिखने वाले मेटल के सिलेंडर पर निर्भर नहीं था।