द इनसाइडर्स: आईएएस को सीनियर ने मारी टंगड़ी, सीएम के नहीं होने दिए साइन; दमित अधेड़ ख्वाहिशों की ‘बलि’ चढ़ी जवानी

कुलदीप सिंगोरिया | प्रकांड विद्वान व ब्राह्मण। परम् शिव भक्त। कई ग्रन्थों और स्तुतियों का रचयिता। बाहुबल, तंत्रबल, मंत्रबल व धनबल आदि में सबसे सक्षम। किंतु दम्भ और रक्ष संस्कृति के आचरण की वजह से रावण बुराई का प्रतीक बन गया। इसी तरह, बहुत सारे कथित ज्ञानी किंतु दम्भी व्यक्तियों को तमाम बद्दुआओं के साथ सेवानिवृत्ति रूपी दशहरे के उपरांत बिट्टन मार्केट के सब्जी बाजार में झोला लिए देखा जा सकता है। और तब उनकी नजरें एक अदद नमस्ते के लिए तरस रही होती हैं।
इसलिए, आदिकवि महर्षि बाल्मीकी रामायण में लिखते हैं –

यस्यास्ति न तस्य नाम स्मृतिर्यत्न्यं विशेषतः।
तं हि नष्टं न रावणः नष्टभीष्मोऽस्मि तत्।।

यानी, जो अहंकार में जीता है, वह अंततः नष्ट हो जाता है। पावर कॉरिडोर में भी कुछ रसूखदार ऐसे ही अहंकार से लदबद हैं। उनके साथ सभी सुधि पाठकों को दशहरे की राम राम। और ज्यादा देर न करते हुए शुरू करते हैं आज के दशहरा स्पेशल द इनसाइडर्स के किस्से, पढ़िए चटखारों के साथ मसालेदार अंदाज में…

सीनियर आईएएस अफसर को मार दी टंगड़ी
सरकार के खासमखास एक सीनियर आईएएस अफसर का दिलदार व दरबारी अंदाज तो सबको पता ही है। लेकिन इसकी आड़ में वे बैटिंग भी अच्छी कर लेते हैं। खासकर उनकी पत्नी। सीएमओ में कुछ वक्त पहले उनके किस्से सामने आते ही उनसे ऊपर एक और अफसर की तैनाती कर दी गई। यही नहीं, उनके समकक्ष एक अन्य अफसर की भी पदस्थापना भी की गई। इतना सब होने के बाद भी साहब कहां मानने वाले थे? साहब ने बड़े उद्योगों के जमीन आवंटन में खेल करने की पूरी प्लानिंग कर ली। सीएम तक फाइल पहुंचने ही वाली थी। तभी दूसरे समकक्ष अफसर की नजर पड़ गई। दूसरे साहब भी पहले इस विभाग में रह चुके थे। लिहाजा, वे पूरा माजरा समझ गए और फाइल को डंप कर दिया। हालांकि, पहले वाले साहब फाइल को डंप यार्ड से बाहर निकालने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। उनको कामयाबी मिलते ही आपको हम इत्तिला जरूर करेंगे।

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पीएस को पड़ी बड़े साहब की फटकार
सरकार ने एक प्रमुख सचिव महोदय को बड़े होश से गौसेवा का जिम्मा सौंपा। उनके पास पहले से ही जंगल से जुड़ी आबादी वाला विभाग था। इसकी समीक्षा के लिए नए बड़े साहब ने एक मीटिंग बुलाई। इसमें साहब ने आंकड़ों में गड़बड़झाला कर दिया। जब बड़े साहब ने माकूल जवाब नहीं मिला तो उन्होंने प्रमुख सचिव को ऐसी लताड़ लगाई कि उनकी सिट्‌टी-पिट्‌टी गुम हो गई। इसलिए फिर कह रहे हैं कि नए बड़े साहब को हल्के में मत लीजिए।

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पूर्व बड़ी मैडम का चाइनीज गेम
रिटायरमेंट से पहले बड़ी मैडम का चाइनीज प्रेम खुलकर सामने आ गया। द इनसाइडर्स एक पिछले अंकों में हमने सीएम राइज में लगने वाले करीब 300 करोड़ रुपए के इंटरेक्टिव पैनल के टेंडर में हो रहे खेल को लगातार बताया। हमारे एक इनसाइडर ने बताया कि एक दक्षिण कोरियाई कंपनी और उसके वेंडर ने जैसे-तैसे अपना इम्पैनेलमेंट करवा लिया। लेकिन चीनी कंपनियों कहां हार मानने वाली थी। उनहोंने बड़ी मैडम को जाते-जाते बड़ी दक्षिणा अर्पित कर दी। लिहाजा, मैडम ने रिटायरमेंट से एक हफ्ते पहले इंटरैक्टिव पैनल की एलयूएन से थोक खरीदी की बजाय हर जिले को अपने हिसाब से खरीदी के अधिकार दे दिए। इसके चलते चीनी कंपनियां जो कि पहले बाहर हो गई थीं, वे अब स्थानीय स्तर पर अपना सस्ता माल खपा सकेंगी।

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अब महिला अफसरों से नहीं उलझेंगे विपश्यना वाले साहब
विपश्यना वाले साहब को कौन नहीं जानता? मातहतों से विवादों में घिरे रहने वाले साहब जैसे ही हिसाब-किताब वाले विभाग में पहुंचे तो उन्होंने महिला अफसरों से काम कराने की बात पर तौबा कर ली। इसलिए, एक महिला आईएएस अफसर कह रही हैं कि उनके पास कोई काम नहीं है। जबकि उनकी अधिकारिक पोस्टिंग जिस जगह हुई है, वहां काम का अंबार होता है। आखिर पूरे मप्र का हिसाब-किताब जो रखना है? इसके बाद भी यदि वह खाली हैं तो मतलब साफ है कि विभाग के मुखिया यानी विपश्यना वाले साहब उनसे उलझना नहीं चाहते हैं।

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कप्तान ने फिर करा दी राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की किरकिरी
मध्यप्रदेश का ड्रग कांड राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा है। गुजरात की पुलिस को इसकी भनक लग गई लेकिन जिस थाना क्षेत्र में यह कांड हुआ, वहां के थाना प्रमुख राजधानी के कप्तान के लिए जमीनों और उनसे जुड़े बिल्डर आदि की खबर लेने में मशगूल थे। द इनसाइडर्स ने अपने बीते अंक में भी इस बात का खुलासा किया था। खैर इतना होने के बाद भी जब गुजरात पुलिस ने माल पकड़ लिया तो भी राजधानी के कप्तान और विभाग के कप्तान दोनों की नींद नहीं खुली। वहां के मंत्री ने ट्वीट में भी मप्र पुलिस का जिक्र न कर प्रदेश की किरकिरी कर दी। फिर, आनन-फानन में सीएमओ और गृह विभाग के अफसर सक्रिय हुए और मंत्री से पुराना ट्वीट डिलीट कर नया ट्वीट करने का अनुरोध किया।

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मंत्री का ओएसडी ले रहा था ड्रग सप्लायर कमीशन
ड्रग सप्लाई से ही जुड़ा एक और किस्सा सामने आया है। एमडी ड्रग सप्लाई में पुलिस ने मंदसौर के जिस आंजना को गिरफ्तार किया है, उसके एक सीनियर मंत्री से संबंध उजागर हो चुके हैं। मंत्री के स्टाफ से जुड़े एक इनसाइडर ने बताया कि मंत्री जी को आंजना से मिलवाने वाला विभीषण भी स्टाफ का ही है। यह मंत्री का अघोषित ओएसडी है, जो कि राजधानी में आबकारी का भी काम देखता है। मंत्री के लिए यही अफसर आंजना समेत अन्य लोगों से वसूली का काम भी करता था। राजधानी में इसके मातहत एक महिला कर्मचारी यौन शोषण का भी आरोप लगा चुकी है। वैसे, साहब को अपने अधिनस्थ महिला कर्मचारियों से ‘काम’ कराने का शौक है।

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एसपी साहब ने बड़े जिले की आस में बंद कर दी वसूली
नर्मदापुरम संभाग के एक एसपी साहब के अचानक ईमानदार होने की चर्चा जोरो पर है। साहब ने जुएं व सट्‌टे से होने वाली आमदनी से तौबा कर ली। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे काजल की कोठरी से बेदाग निकलेंगे। लोगों को यह बात हजम नहीं हुई तो कुछ इनसाइडर्स से पड़ताल करवाई गई। एक इनसाइडर ने बताया है कि एसपी साहब को ऊपर से किसी ने मंत्र दिया है कि उनकी छवि अच्छी रही तो जल्द ही बड़ा और कमाऊ जिला दिया जाएगा। एसपी साहब अब इस मंत्र का दिन-रात जाप कर रहे हैं।

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दमित अधेड़ ख्वाहिशें…जवानी की बलि
पिछले दिनों आपने पढ़ा या सुना होगा कि कानपुर में जवान बनाने की थेरेपी के नाम पर 25 करोड़ की ठगी हुई। जानते हैं क्यों? दमित अधेड़ अभिलाषाएं! और ये अभिलाषाएं सत्ता व धन प्राप्ति पर और भड़क जाती हैं। इतनी कि व्यक्ति स्थान, काल, वर्ण और आश्रम के अनुरूप आचरण करना भी भूल जाता है। ऐसा ही कुछ पिछले दिनों पानी से संबंधित विभाग में हुआ। एक महत्वाकांक्षी योजना के साथ भरपूर धन आया और साथ ही आई पीएससी से नए अधिकारियों की खेप भी। इन नए अधिकारियों में एक अति महत्वाकांक्षी और स्निग्ध सुंदरी भी आई। उसे देख संविदाधारी बड़के इंजीनियर कृष्ण से लेकर उनके राहु-केतु तक सारी अधेड़ अभिलाषाएं उफान मारने लगीं। सब मार्गदर्शन के बहाने सामीप्य लाभ लेने लगे। विदिशा के पुराने पहलवान खिलाड़ी और विभागीय मुखिया संविदाधारी ने सुकन्या को राजधानी की होटलों की सैर कराई तो उनके शक्तिशाली शिष्य “राहू-केतु” दूर दूर की होटलों में जाने लगे। जिस तरह रावण नौ ग्रहों को वश में कर दम्भी हो गया था। उसी तरह, ये “सौंदर्य निधि” भी अपने विभाग की मल्लिका ए हिंदुस्तान समझने लगी। नव ग्रहों ने सौंदर्य निधि” को न सिर्फ तत्कालीन सीएम से सम्मान दिलवाया बल्कि भारत शासन के ट्विटर हैंडल पर श्रेष्ठ अधिकारी का सम्मान भी। बाली उमर में यह सब पाकर “सौंदर्य निधि” का दिमाग सातवें आसमान पर पहुंच गया। दोनों हाथों से ठेकेदारों को धमका धमका के लूटकर “निधि” एकत्र करने लगीं। और एक दिन इस नवोदिता को जांच एजेंसियों ने पैसे लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। फिर, जिस “सौंदर्य निधि” का फोन एक घंटी में उठ जाता था, अब उसी का फोन संविदा कृष्ण से लेकर राहु केतु ने ब्लॉक कर दिया। इस तरह संविदाधारी की “अधेड़ हसरतों” ने एक “जवान कैरियर” की बलि ले ली।

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मैडम ने लाठीचार्ज में आईजी साहब को फंसा दिया
मां नर्मदा किनारे वाले एक जिले की कलेक्टर मैडम भगवान हो गई हैं। भगवान इसलिए क्योंकि वे गलती नहीं करती हैं। सारी गलती या तो ऊपर के अफसर करते हैं या फिर अधीनस्थ। हाल ही के एक मामले में सरकार को भेजी रिपोर्ट में उन्होंने एसपी व आईजी को जिम्मेदार ठहरा दिया। वाक्या कुछ यूं है कि किसानों ने खाद वितरण की अव्यवस्था पर प्रदर्शन किया था। मैडम ने उन पर लाठीचार्ज करवा दिया। जब ऊपर से पूछताछ हुई तो मैडम ने पुलिस को दोषी बता दिया। जबकि पुलिस ने एसडीएम के आदेश पर ही कार्रवाई की थी। इतना ही नहीं, खुद मुख्यमंत्री ने टोकन सिस्टम से खाद वितरण नहीं करने की हिदायत दी थी लेकिन मैडम ने इसे नहीं माना। गौरतलब है कि इस जिले का अन्नदाता सबसे शांत माना जाता है लेकिन मैडम की व्यवस्थाओं से खफा होकर प्रदर्शन करने को मजबूर हो गया।

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जैन साहब को जैन सर से आस, विरोधियों को निष्पक्षता की उम्मीद
आजकल भाड़े के सैनिक अर्थात संविदा नियुक्ति का ट्रेंड चल रहा है। और हो भी क्यों न भला… यहां जोरदार पैसा है और जोरदार लुटाई भी…। जल निगम से हाल ही में वरिष्ठ पद से सेवानिवृत्त हुए जैन साहब भी संविदा के लिए प्रयासरत हैं। जैन साहब अंधों में काने राजा होने के कारण इतने दम्भी रहे हैं कि यदि त्रेतायुग में पैदा होते तो रावण से भी पैर दबवाते। खैर मुद्दे की बात तो ये है कि चौबीस घण्टे मुह में गुटखा रखने वाले जैन साहब की दो विभागीय जांच पेंडिंग थीं, जो संविदा नियुक्ति के आड़े आ रहीं थीं। तो संविदा प्राप्त प्रमुख अभियंता ने उन्हें वल्लभ भवन के ‘नर’ नारायण यानी ‘हरि’ की शरण में जाने की सलाह दी। यहां नर नारायण ने मात्र एक सप्ताह में दोनों ही जांच फुर्र कर दी। फिर, फाइल तत्काल जीएडी में पहुंच गई है। जैन साहब आश्वस्त हैं कि संविदा नियुक्ति तो मिल के रहेगी क्योंकि नए सबसे बड़े साहब भी “जैन” हैं। दिलचस्प बात ये है कि उनकी संविदा नियुक्ति का विरोध कर रहे अभियंताओं का समूह (जिसमें दम्भी कलियुगी रावण के पक्के चेले राहु केतु भी शामिल हैं) भी “बड़े जैन साहब” से ही मिलकर निवेदन करना चाह रहे है कि भाड़े के सैनिकों से विभाग बर्बाद हो रहा है। पहले ही एक संविदा धारी ने उत्पात मचा रखा है। यानी इंजीनियरों को बड़े साहब की न्यायप्रियता और निष्पक्षता से आस है तो जैन साहब को अपने जैन होने पर। होता क्या है, यह कुछ ही समय पता चल जाएगा।

(आप भी हो सकते हैं हमारे इनसाइडर्स, संपर्क करें – 9926510865)

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