सुबह गीता प्रवचन, शाम को सुरापान; कलेक्टर साहिबा जल रही इंतकाम की आग में, मौत के सर्टिफिकेट के लिए पंडित जी की दक्षिणा 1100 रुपए मात्र
द इनसाइडर्स आपके लिए लाया है सत्ता के गलियारों की वो चटपटी खबरें जो बताएंगी इसके किरदारों के असल चेहरे...
कुलदीप सिंगोरिया | बड़े ओहदे की वजह से अफसरों को बड़ा रसूख भी हासिल होता है। इसका इस्तेमाल समाज की बड़ी जिम्मेदारियों को पूरा करने की बजाय ओछी हरकतों में उलझ जाते हैं। और जब नाकामियों पर आवाज उठती है तो इंतकाम लेने पर ऊतारू हो जाते हैं। इंतकाम की आग कभी-कभी अपनी ही बिरादरी को जलाने पर आमादा हो जाती है। द इनसाइडर्स के इस अंक में अफसरों के इंतकाम के ताजा किस्सों को कुछ फिल्मी अंदाज में पढ़िए……
इंतकाम के लिए दूसरों की सीआर बिगाड़ने के लिए चुगली में मशगूल कलेक्टर साहिबा
ठुकरा कर मेरा प्यार, मेरा इंतकाम देखेगी… फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ के एक गाने के यह बोल हैं। इसमें एक कलेक्टर साहब अपने प्रेमिका से बदला लेने के लिए यह गाना गा रहे हैं। लेकिन आज हम जिस किस्से को आपके सामने बयां कर रहे हैं, उसमें साहब की जगह कलेक्टर साहिबा है और जिनसे बदला लेना हैं, वे आधा दर्जन आईएएस अफसर हैं। वे बड़ी मैडम की करीबी हैं। उनका मानना है कि कुछ कलेक्टर और आईएएस ऑफिसर उनकी छवि को धूमिल कर रहे हैं। इसलिए वे इनसे बदला लेने की धमकी दे चुकी हैं। मैडम ने कहा है कि वे बड़ी मैडम से कहकर आईएएस अफसरों की सीआर खराब करवा देंगी। इसके लिए वे बड़ी मैडम के कान भी लगातार भर रही हैं। बता दें कि मैडम इससे पहले जिस जिले में थीं, वहां के एसपी साहब को हटवा दिया था।
यह भी पढ़ें : आईपीएस ने किया प्यार का इजहार, पूर्व मंत्री के दामाद को छापे का डर
रमीला वास्तावैया…
श्री 420 फिल्म का गाना है रमैया वास्तावैया…हमने इसको थोड़ा सा मॉडिफाई कर रमीला वास्तावैया कर दिया है। रमीला इसलिए क्योंकि इस नाम की एक महिला का भोपाल के विकास के लिए बनी संस्था में जबरदस्त रुतबा है। इन्होंने नामांतरण, एनओसी सबके रेट डबल कर दिए हैं। बाबू कोई अपनी जेब से तो पैसे देंगे नहीं इसलिए उन्होंने भी जनता पर भार रोपित कर दिया। जो पैसे नहीं देता उसकी फाइलें रोक दी गई। करीब 300 फाइलें पेंडिंग है। अपने आपको सबसे ज्यादा ज्ञानवान मानने वाले सीईओ तक शिकायतें गई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। इस चक्कर में एक आम आदमी का माथा फिर गया तो उसने यहां पदस्थ सीईओ रहे अफसरों के ‘दास’ को ट्रैप करवा दिया। ट्रैप के दौरान लोकायुक्त ने जब संपत्तियां खंगाली तो सब हैरान रह गए। कोई 100 करोड़ रुपए की संपत्तियां बताई जा रही है। हालांकि, इस जांच की आंच से बड़े अफसर हमेशा की तरह बच निकले।
यह भी पढ़ें : बिजली गुल ने कराया कलेक्टर के शीशमहल का पर्दाफाश, पूर्व बड़े साहब नहीं लौटा रहे 50 लाख रुपए
कृष्ण के पार्थ की अथ श्री महाभ्रष्ट कथा
भगवान विष्ण के त्रेता युग के अवतार के नाम वाले इंजीनियर का किस्सा द इनसाइडर्स के पिछले अंक में आपको बताया था। अब इनके ‘पार्थ’ के किस्से भी जान लीजिए। पानी से संबंधित विभाग में संविदा पर नियुक्त बड़े इंजीनियर साहब को आउटसोर्स और संविदा के कर्मी विशेष पसन्द हैं….उनकी पसन्दगी के फेर में अन्य अधिकारी प्रताड़ित हो रहे हैं। इस प्रताड़ना से एक अधीक्षण यंत्री स्तर के बड़े अधिकारी ने ऐच्छिक सेवा निवृत्ति का मूड बना लिया था, पर शुभ चिंतकों के समझाने पर वो लंबी मेडिकल लीव पर चले गए…खैर, आउट सोर्स का कर्मचारी साहब की पंसद क्यों है, यह बताते हैं। दरअसल, फर्जी आंकड़ों की महाभारत में ये इस ‘कृष्ण’ का ‘पार्थ’ हैं। दिल्ली से लेकर मीटिंगों में सारे फर्जी आंकड़े ये सेट करता है। बाहर का आदमी होने से किसी को शक भी नहीं होता। हर मीटिंग में प्रदेश भर में जिले के अधिकारियों को मीटिंग के पहले ही फर्जी आंकड़े ये “डेटा मास्टर” भेज देता है ..और फिर कृष्ण के निर्देश होते हैं कि यही आंकड़े मंत्री जी और सेकेट्री साहब के समक्ष दोहराए जाएं…और इस तरह उनके सामने विभाग के कार्यों की ‘सब बढ़िया है’ वाली तस्वीर पेश की जाती है। इस एवज में ..पार्थ यानी अर्जुन को …हवाई यात्रा…फाइव स्टार होटल..कॉकटेल डिनर “आदि” की सुविधा प्राप्त है। पूरे विभाग में इन “नए सरजी” की धौंस और धमक सुनाई दे रही है। देश के सबसे शक्तिशाली राज्य से होने के कारण इनके कनेक्शन से सभी घबराते हैं।
पढ़ें : विष्णु के अवतार वाले नामों पर बरस रही लक्ष्मी कृपा
गीता के साथ सुरा प्रेम में सराबोर अफसर
मंत्रालय में पदस्थ एक सीनियर आईएएस अफसर जूम पर गीता संदेश देते हैं। वे बताते हैं कि दैनिक जीवन में गीता का क्या महत्व है। बात तो अच्छी है। भला इसमें क्या ऐतराज होगा? इसलिए जैसे ही शाम होती है, साहब गीता को भूल सुरा के प्रेम में डूब जाते हैं। उन्हें सुरा से इतना प्रेम है कि इससे पहले, वे इससे संबंधित विभाग में ही पदस्थ थे। नई सरकार में हटाए गए तो सुरक्षा से संबंधित विभाग में तैनाती हो गई। इस विभाग के कुछ अफसर शाम की महफिलों के लिए जाने जाते हैं।
यह भी पढ़ें – द इनसाइडर्स: डेढ़ लाख की साड़ी पहनती हैं डॉक्टर साहिबा, दोस्तों को गांजे और मुजरे का लुत्फ दिलवा रहे कलेक्टर साहब
1100 रुपए की दक्षिणा के बगैर पंडित जी मौत के सर्टिफिकेट पर नहीं करते साइन
किसी की मौत पर जश्न मनाने वाले गिद्धों को आप जानते ही होंगे। लेकिन हम बात आज गिद्धों से भी गिरे हुए एक पंडित जी कर रहे हैं। प्रदेश के दूसरे बड़े शहर में किसी की भी मौत पर पंडित जी की मौज हो जाती है। उनके साथी मिलकर परिजनों से मृत्यु भोज की दावत लेकर ही मानते हैं। वे तब तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देते हैं जब तक कि 1100 रुपए की दक्षिणा न मिल जाए। इसी दक्षिणा के बलबूते पर पंडित जी को शहर सरकार ने प्रमोशन देकर अफसर बना दिया है। पूरे प्रदेश में पंडित जी ही एकमात्र ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्हें प्रमोशन में आरक्षण वाले मामले के बाद भी पदोन्नति मिल रही है। हम तो शहर सरकार से सिर्फ इतना आग्रह कर रहे हैं कि कम से कम इस मामले में तो पंडित जी पर नकेल कसिए। नहीं तो फिर जांच एजेंसियों की की नजरें पड़ी तो सब बेनकाब हो जाएंगे।
यह किस्सा भी पढ़ें : इंजीनियर के पुत्र ने कैश में ली 25 लाख की कार
बेचारे काम के मारे
अच्छी पोस्टिंग भला किसे अच्छी नहीं लगती? लेकिन एक प्रमुख सचिव को अच्छी पोस्टिंग के साथ काम न करना पड़े, यह भी शर्त होती है। हाल ही में बड़ी मैडम की जिद पर उन्हें लूप लाइन से बाहर कर अच्छी पोस्टिंग दी गई। सरकार इतना खुश थी एक और जिम्मेदारी भी दे डाली। लेकिन साहब को एक दिन में ही पता चल गया कि यहां बहुत काम करना पड़ेगा। लिहाजा, उन्होंने बड़ी मैडम से फिर गुहार लगाई और कहा कि वे वर्तमान जिम्मेदारियों से ही खुश हैं। इसलिए, उन पर और काम का बोझ न लादा जाए। बड़ी मैडम ने उनकी बात मान तो ली है लेकिन पांचवीं मंजिल के अफसर सरकार की किरकिरी से नाराज हैं। प्रमुख सचिव महोदय ने आराम-तलबी की आदत न सुधारी तो फिर से उन्हें लूप लाइन में भेजा जा सकता है।
यह भी पढ़ें : ई सिगरेट वाली कलेक्टर मैडम से नाराज हुए मंत्रीजी, एथिक्स पढ़कर अनएथिकल हुए नए अफसर
जांच से बचने के लिए प्रमुख सचिव की शरण में पहुंचा कंसल्टेंट
निर्माण कार्यों से संबंधित विभाग में एक कंसल्टेंट कंपनी पर ईओडब्ल्यू ने शिकंजा कस दिया था। कंपनी पर फर्जी कंसल्टेंट रखने का आरोप था। फिर, कंपनी ने विभाग को न जाने क्या घुट्टी पिलाई की पहली बार विभाग और ईओडब्ल्यू आमने-सामने आ गए। विभाग ने कह दिया कि वो जब तक मंजूरी नहीं देगा, तब तक जांच नहीं होगी। लेकिन खेल फिर बदला और यहां नए प्रमुख सचिव पदस्थ हो गए। लिहाजा, बचने के लिए कंपनी के नुमाइंदे प्रमुख सचिव के आगे नतमस्तक हो गए हैं।
इसे जरूर पढ़िए : मोबाइल दुकान पर होते हैं करोड़ों की रिश्वत के लेनदेन और सौदे, बड़ी मैडम के दलाल ने 100 करोड़ की रिश्वत का सौदा जमाया
विधायक जी, आपकी काल रिकॉर्ड हो रही है
पहली बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे एक विधायक जी ज्यादा ही जोश में हैं। प्रदेश के दूसरे बड़े शहर से आने वाले विधायक जी ने आते ही बैटिंग शुरू कर दी। इस चक्कर में नगर निगम के कर्मचारियों और अफसरों से भी 5000-5000 रुपए की वसूली कर डाली। निगमकर्मियों ने रिवाज के मुताबिक रकम दे दी लेकिन विधायक जी की रिकॉर्डिंग कर ली। यह रिकॉर्डिंग विरोधियों तक पहुंच गई है। यह कब बाहर आएगी, इसका समय तो विरोधी बता सकते हैं। हम तो सिर्फ इतना कहेंगे कि अपनी निजी स्कॉर्पियो को निगम के वर्कशॉप में आपकी शोभा बढ़ाने के लिए भेजा न कीजिए। आप जिस समाज से आते हैं वहां बहुत मेहरबान लोग हैं, जो मुफ्त में आपकी गाड़ी की सर्विस और मेंटेनेंस करा देंगे।
यह भी पढ़ें : आईएएस पूजा खेडकर की तरह प्राइवेट कार में हूटर बजाती हैं मैडम, कलेक्टर साहिबा को घूरने वाले ड्राइवर की छुट्टी
लताड़ लगाने वाले जज साहब भी सत्ता में शामिल
ग्वालियर हाईकोर्ट के जज साहब की रील्स आपने मोबाइल फोन पर खूब देखी होगी। इनमें वे फिल्म नायक के किरदार की तरह अफसरों की ठांस दिया करते थे। साहब के तीखे बोल और विवादित फैसले हमेशा चर्चा में रहते थे। शुचिता, सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की बातें करने वाले यह साहब अब सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ता साहब की पुरानी बातें मोबाइल पर सुनकर चटखारे लगा रहे हैं।