द इनसाइडर्स: मोबाइल दुकान पर होते हैं करोड़ों की रिश्वत के लेनदेन और सौदे, बड़ी मैडम के दलाल ने 100 करोड़ की रिश्वत का सौदा जमाया

द इनसाइडर्स में इस बार है दौलत और उसमें डूबे सत्ताधीशों से जुड़े दलालों की चटपटी खबरें...

कुलदीप सिंगोरिया | सत्ता हो और काली कमाई न हो, ऐसा कैसा हो सकता है? लेकिन काली कमाई घर बैठे-बिठाए तो आएगी नहीं! इसलिए सत्ता के गलियारे सदा दलालों से आबाद और फलते-फूलते रहते हैं। द इनसाइडर्स के इस अंक में पढ़िए दलालों के नए कारनामों के बारे में… जानिए उन ठिकानों को जहां हो रहे सौदे और लेनदेन…

बड़ी मैडम के दलाल का कारनामा, 300 करोड़ रुपए के घोटाले की तैयारी
बड़ी मैडम के एक दलाल ने 300 करोड़ रुपए के नए घोटाले की तैयारी पूरी कर ली है। दलाल बड़ी मैडम को दीदी कहता है और इसके नाम का जिक्र कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने हाल ही में मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में किया था। दलाल ने सीएम राईज स्कूल्स में इंटरैक्टिव पैनल खरीदी के लिए एक बड़ी कंपनी से सौदा तय किया है। टेंडर शर्तें ऐसी रखी गई हैं जिससे कि उसी कंपनी को फायदा मिले। टेंडर से जुड़े इनसाइडर ने बताया कि पहले यही पैनल करीब 100 करोड़ रुपए में खरीदे जाने थे और इसमें रिश्वत की रकम करीब 25 करोड़ रुपए थी। फिर, दलाल ने छोटे दिमाग में बड़ा जोर लगाया और इंटरैक्टिव पैनल में टेक्निकल लोचा बताकर शर्तें बदलवा दी। अब कथित तौर पर सिर्फ रिश्वत की रकम ही 80 से 100 करोड़ रुपए है। … सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल।
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दस नंबर की मोबाइल शॉप या हवाला का अड्डा
भोपाल के दस नंबर मार्केट में एक मोबाइल शॉप है। ऑनलाइन के जमाने में भी इस शॉप पर लोग ज्यादा कीमत में मोबाइल खरीदते हैं। दिलचस्प यह है कि सब कुछ फ्री में चाहने वाली अफसरों की कौम भी यहां से मोबाइल खरीदती है, पर हकीकत में नहीं। दस नंबर के पास ही बिट्टन मार्केट में भी एक ऐसी ही दुकान हैं, जहां के सरदार के भी दलाली के बड़े किस्से हैं। इनके किस्से फिर कभी। फिलहाल तो आज इसी मोबाइल शॉप के बारे में जानिए। इस दुकान पर मोबाइल की आड़ में अफसरों की रिश्वत का हिसाब होता है। किसी को भी रिश्वत देनी है तो उसे यहां का एड्रेस दिया जाता है। फिर यहां से रिश्वत की रकम अफसर तक पहुंच जाती है। इसलिए, आपको भी कोई काम कराना है तो इस दुकान तक पहुंचे। काम होने की गांरटी, मोबाइल फोन की गारंटी जैसी ही है।

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छोटे साहब छुट्टी पर गए तो बड़े साहब ने किया खेल
अमूमन बड़ा अफसर छुट्टी पर होता है तो छोटा अफसर उसकी गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर कमीशनखोरी कर लेता है। लेकिन पढ़ाने या शिक्षा से संबंधित विभाग में इसका उलट कारनामा हुआ। विभाग के सबसे बड़े अफसर के पास अपने अधीनस्थ आईएएस अफसर का भी प्रभार कुछ वक्त के लिए था। इसी दौरान केंद्र सरकार से आई राशि से खरीदी के टेंडर वाली फाईल आई। बड़े अफसर ने बड़ी कंपनियों के दलालों से सेटिंग कर ली और शर्तों से लेकर तमाम नियम बदल दिए। हैरतअंगेज कारनामा यह किया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए लैब इक्विप्मेंट महज 24 घंटे में डेमोस्ट्रेशन के लिए लुधियाना से भोपाल आ गए। दूसरी कंपनियों को पहले से खबर नहीं थी तो वे इसमें फेल हो गईं। फाइनल रिजल्ट के तौर पर साहब की कृपा किस कंपनी पर बरसी, यह आप समझ ही गए होंगे।

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खुदा समझने वाले अफसर की सीनियर अफसरों से नहीं बैठ पाई पटरी
राजधानी की एक निर्माण एजेंसी में पदस्थ एक अफसर के बारे में आपको पिछले अंक में हमने बताया था। उस अंक में बड़ी मैडम से जुड़ी एक रोड का जिक्र था। अब इस अफसर पर सीनियर अफसरों का कितना भरोसा है, यह भी जानिए। खुद को सर्वाधिक ज्ञानी मानने वाले इस अफसर के आफिस में अब बोर्ड मीटिंग नहीं होती। बोर्ड मीटिंग चेयरमेन के तौर पर पदस्थ अफसर अपने ऑफिस में करते हैं। कुछ वक्त पहले हुई बोर्ड मीटिंग में आए प्रस्तावों पर अफसर के अधकचरे ज्ञान की वजह से कोई फैसला नहीं हो सका। ऐसे में सीनियर अफसर ने कलेक्टर को जांच के लिए कह दिया। कलेक्टर ने भी नगर निगम कमिश्नर के पास फाइल भेज दी। फाइल क्लियर कराने की बजाय यह अफसर अपने मातहतों को ज्ञान की घुट्टी पिला रहे हैं। यह पहली बार है कि बोर्ड की मीटिंग के मिनट्स इतने दिनों बाद भी जारी नहीं हुए।

हमसे संपर्क करें : – 9926510865

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