शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन बंपर तेजी, निवेशकों तीन दिनों में 26 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया

 मुंबई
 भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन बंपर तेजी देखने को मिली है, जिससे निवेशकों ने पिछले तीन दिनों में 26 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। शुक्रवार को आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति जारी करने के बाद बाजार में यह बढ़त देखने को मिली।
बीएसई का मार्केट कैप शुक्रवार को बढ़कर 421 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो मंगलवार को 395 लाख करोड़ रुपये था। इस प्रकार तीन दिनों में निवेशकों को 26 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। दोपहर 12:50 बजे तक बीएसई सूचकांक सेंसेक्स 1,320 अंक या 1.76 प्रतिशत की तेजी के साथ 76,394 अंक पर पहुंच गया।

आरबीआई की मौद्रिक नीति का प्रभाव

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा महंगाई दर के अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।

केयरऐज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा के अनुसार, "आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। यह दिखाता है कि वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है।"

बाजार में चौतरफा तेजी

शुक्रवार को बाजार में सभी प्रमुख सूचकांकों में तेजी बनी रही। निफ्टी मिडकैप 480 अंक या 0.92 प्रतिशत बढ़कर 52,893 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 303 अंक या 1.81 प्रतिशत बढ़कर 17,130 अंक पर बना हुआ है। सेंसेक्स पैक में सभी शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। विप्रो, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व और पावर ग्रिड शीर्ष गेनर्स में शामिल हैं।

विशेषज्ञों की राय

नाइट फ्रैंक के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा, "आज की मौद्रिक नीति हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप है। केंद्रीय बैंक का ध्यान महंगाई कम करने पर है। कैलेंडर 2024 में ब्याज दर कम होने की उम्मीद है, जिससे आगे मांग को सहारा मिलेगा।"

एफएमसीजी और ऑटो सेक्टर में भी रिकवरी देखने को मिल रही है, जिससे निवेशकों का विश्वास और भी बढ़ा है। इस प्रकार, भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को शानदार लाभ प्रदान किया है, जो मौद्रिक नीति और अर्थव्यवस्था की मजबूत वृद्धि दर का परिणाम है।

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