चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश से उनके सार्वजनिक बयान पर तथ्यात्मक जानकारी और डाटा मांगा

नई दिल्ली
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश से उनके सार्वजनिक बयान पर तथ्यात्मक जानकारी और डाटा मांगा है।  उन्होंनें सोशल मीडिया की एक पोस्ट में गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि अमित शाह नें 150 डीएम को लोकसभा चुनावों के वोटों की गिनती से कुछ दिन पहले फोन कॉल किए हैं।  निर्वाचन आयोग ने 2 जून की शाम तक जयराम रमेश से इस मसले पर उनका जवाब मांगा है।

रमेश ने क्या लगाए थे आरोप
रमेश ने आरोप लगाया कि अमित शाह नें 150 डीएम को लोकसभा चुनावों के वोटों की गिनती से कुछ दिन पहले फोन कॉल किए हैं। इस तरह की जबरदस्त और निर्लज धमकी यह बताती है कि भाजपा कितनी हताश है। उन्होंने आगे कहा कि 4 जून को मोदी, शाह और भाजपा को जनता बाहर कर देगी और इंडिया गठबंधन की जीत होगी।

चुनाव आयोग ने चिट्ठी में क्या लिखा
चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को भेजी चिट्ठी में लिखा है कि वोटों की गिनती करने की जिम्मेदारी आरो यानी रिटर्निंग ऑफीसर की है।  प्रत्येक अधिकारी पर यह पवित्र जिम्मेदारी डाली गई है कि उसका ठीक ढ़ंग से पालन हो। इस तरह के स्टेटमेंट आप जैसे वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता द्वारा बोले जाने पर लोगों के मन में संदेह के बीज पैदा करते हैं। इसलिए सबके हित के लिए इस तरह के बयानों का समाधान होना चाहिए।

अब तक किसी भी डीएम ने नहीं की शिकायत
चुनाव आयोग ने बताया कि उन्हें अब तक इस तरह की कोई भी शिकायत किसी भी डीएम के द्वारा नहीं मिली है। किसी भी डीएम ने अपने कार्यक्षेत्र में इस तरह की किसी भी संदिग्ध गतिविधी होने की शिकायत दर्ज नहीं कराई है। इसलिए आयोग नें जयराम रमेश से इस संबंध में डाटा मांगकर मामले को बारीकी से समझना चाहा है। आयोग ने कहा कि जयराम रमेश बताएं कि वे कौन से 150 डीएम हैं, जिन्हें वो मानते हैं कि उनको गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित किया है।

 

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