कोलेंग में पहली बार मोबाइल की बजी घंटी, सर्विस सेंटर हुआ शुरू

जगदलपुर

बस्तर जिले का नक्सल प्रभावित ग्राम कोलेंग, छिंदगुर, चांदामेटा और मुण्डागढ़ को संवेदनशील ईलाकों में माना जाता है, इसमें से ग्राम चांदामेटा के प्रत्येक घर का पुरुष नक्सल मामले में जेल जा चुका है। इस क्षेत्र के ग्रामीणों को ध्यान में रखते हुए इन्हें मुख्यधारा से जोडने के लिए पक्की सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई है। इसी कड़ी में ग्राम कोलेंग में पहली बार मोबाइल की घंटी बजी। मोबाइल नेटवर्क शुरू होने के बाद बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम और बस्तर एसपी जितेंद्र मीणा ग्रामीणों के बीच पहुंचकर कोलेंग में मोबाइल नेटवर्क के विस्तार का जायजा लेते हुए कॉमन सर्विस सेंटर के संचालक से पेंशन और बैंक की गतिविधियों का संज्ञान लेकर हितग्राहियों को भुगतान करवाया।   

ग्राम कोलेंग निवासी के 75 वर्षीय रायचंद ने बताया कि उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि उनका वृद्धा पेंशन उन्हें घर के बगल ही मिल गया। इससे पहले उन्हें पेंशन लेने अपने गांव से लगभग 25 किमी दूर नानगुर जाना पड़ता था, पेंशन की आधी रकम तो आने जाने में खर्च हो जाती थी और परेशान अलग होना पड़ता था। मोबाइल नेटवर्क की कीमत उन्हें अब समझ आई, अब केवल बैंक से जुड़े काम ही उनके गांव में ही नहीं हो पाएंगे बल्कि यदि कोई बीमार पड़ेगा तो एम्बुलेंस के लिए या आपात स्थिति पर मोबाइल की मदद से अपनी समस्या भी संबंधित विभाग तक तत्काल पहुंचाई जा सकती है। रायचंद ने कहा मैंने कोलेंग की वो तस्वीरें भी देखी हैं, जब नक्सली प्रत्येक घर से एक युवा को संगठन में भेजने का फरमान सुनाते थे। जिसके डर से युवा मजदूरी करने दूर चले जाया करते थे, और अब बदलती तस्वीर भी देख रहे हैं जब अपने ही गांव में सारी सुविधाएं धीरे धीरे पहुंचने लगी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button