बलरामपुर, बस्ती, इटावा, रायबरेली और महराजगंज समेत यूपी के 14 जिला अस्पतालों का होगा आधुनिकीकरण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के 14 जिला अस्पतालों के आधुनिकीकरण को दी मंजूरी
बलरामपुर, बस्ती, इटावा, रायबरेली और महराजगंज समेत यूपी के 14 जिला अस्पतालों का होगा आधुनिकीकरण
विकसित यूपी- 2047 के विजन के तहत राज्य के प्रत्येक जिले में होगा अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके लिए प्रदेश के 14 सरकारी अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित करने के लिए 9.80 करोड़ रुपये की राशि को स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल का विशेष फोकस उन जिलों पर है, जहां आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं, डॉयगनोस्टिक उपकरणों की उपलब्धता कम है। इस पहल का विशेष लाभ ग्रामीण व पिछड़े क्षेत्रों के मरीजों को मिलेगा, जिससे उन्हें अपने ही जिले में सस्ता, आधुनिक और त्वरित इलाज मिल सकेगा। साथ ही इस प्रयास से बड़े शहरों के सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों पर मरीजों का दबाव भी कम होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेषतौर पर प्रदेश के उन 14 जिलों, जहां आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है, में आधुनिक उपकरणों की खरीद और स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए 9.8 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। स्वीकृत राशि में से 2.70 करोड़ रुपये का रामसागर मिश्र संयुक्त चिकित्सालय, साढ़ामऊ बीकेटी को, 1.52 करोड़ रुपये जिला महिला चिकित्सालय, बलरामपुर, 1.56 करोड़ रुपये जिला चिकित्सालय रायबरेली, 1.16 करोड़ रुपये जिला संयुक्त चिकित्सालय महाराजगंज को आवंटित किये गये हैं। तो वहीं जिला संयुक्त चिकित्सालय, बागपत को 28.55 लाख, दीवान शत्रुघ्न सिंह संयुक्त चिकित्सालय, हमीरपुर को 3.35 लाख, महिला चिकित्सालय हरैया, बस्ती को 8.68 लाख एवं डॉ. भीमराव आंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय, इटावा के लिए 38.96 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। ये धन राशि विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधित उपकरणों, अत्याधुनि जांच मशीनों और जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में खर्च किये जाएगें।
इस निवेश का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय स्तर पर दिखाई देगा। जिला अस्पतालों में अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक उपकरणों की स्थापना से जांच का समय घटेगा, मरीजों को सस्ता व त्वरित इलाज मिल सकेगा। सीटी स्कैन, एक्स-रे और अन्य उन्नत मशीनों से कैंसर या हृदय रोग जैसे गंभीर मामलों का तत्काल निदान संभव हो सकेगा एवं रेफरल केसों में कमी आयेगी। जो कि प्रदेश की राजधानी, लखनऊ एवं अन्य बड़े शहरों के केंद्रीय अस्पतालों पर पड़ने वाले मरीजों के दबाव में भी कमी लायेगा। यही नहीं डब्लूएचओं के मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकसित यूपी- 2047 के विजन की व्यापक स्वास्थ्य नीति का हिस्सा है। जिसके तहत सरकार का लक्ष्य यूपी के हर जिले में अत्याधुनिक स्वास्थ्य की सुविधाओं का विकास करना है। प्रदेश के जिन जिलों में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है, वहां के जिला चिकित्सालयों को आधुनिक तकनीकि युक्त उपकरणों, डॉयग्नोस्टिक सुविधाओं से लैस करना है। जिससे ग्रामीण व गरीब लोगों को स्थानीय स्तर पर ही सस्ती व अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।



