हेलीकॉप्टर सेवा प्रभावित, पचमढ़ी में नहीं मिल रही जमीन; हेलीपैड 40 किमी दूर होगा

पचमढ़ी 

पीएमश्री हेली सेवा इको सेंसटिव जोन (eco-sensitive zone) को पेंच फंसने के बाद सैलानियों का हेलीकॉप्टर उतारने के लिए हेलीपैड बनाने नर्मदापुरम जिला प्रशासन को भूमि नहीं नहीं मिल रही है। इस कारण हेलीकॉप्टर सेवा फिलहाल प्रभावित है। पचमढ़ी के लिए पिपरिया के ग्राम सिमरा में समतल भूमि देखी है लेकिन पचमढ़ी से इसकी दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। इसपर भी अंतिम निर्णय होना बाकी है। 

पिपरिया तहसीलदार वैभव बैरागी ने बताया कि ग्राम सिमारा की समतल भूमि पर हेलीपैड बनाया जा सकता है। सोमवार को इसका निरीक्षण कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजेंगे। इसके बाद तकनीकी परीक्षण होने के बाद निर्माण कार्य को लेकर कार्रवाई होगी।

ग्राम सिमारा से पचमढ़ी जाने के लिए सैलानियों को लगभग 40 किलोमीटर सड़क मार्ग से जाना पड़ेगा। लगभग सवा घंटे की इस यात्रा में सैलानियों को मटकुली से पचमढ़ी के बीच के 26 किलो मीटर के घाटी सेक्शन को भी पार करना होगा। सिमरा में हेलीपैड बनाने का अंतिम निर्माण होना बाकी है। इस कारण हेलीपैड बनने तक पचमढ़ी हेलीकॉप्टर सेवा प्रभावित रहेगी।

ग्राम रैनीपानी में भूमि का निरीक्षण

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मई आने वाले पर्यटकों का हेलीकॉप्टर कहां उतरेगा। इसको लेकर भी असामंजस बना हुआ है। मढ़ई के करीब ग्राम रैनीपानी में हेलीपैड के लिए जगह देखी गई है। जिला पंचायत सीईओ हिमांशु जैन ने भूमि का निरीक्षण किया गया है। इस पर भी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इस बीच कोई सैलानी हेलीकॉप्टर से मढ़ई आएगा तो उसका हेलीकॉप्टर को सोहागपुर में बने हेलीपैड पर उतारा जाएगा। 

एजेंसी को काम शुरू करने को कहा है

हेलीपैड बनाने के लिए कहीं भी जगह फाइनल नहीं हुई है। पचमढ़ी के लिए सिमारा में समतल भूमि देखी है। सोहागपुर के लिए भी रैनीपानी में भूमि का निरीक्षण किया है। अंतिम निर्माण होने के बाद ही कुछ बता सकते हैं। – हिमांशु जैन, सीईओ, जिला पंचायत, नर्मदापुरम

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