एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा बयान: ‘आतंकवाद विकास की राह में सबसे बड़ी बाधा

जम्मू 
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को जम्मू यूनिवर्सिटी के 19वें (द्वितीय विशेष) दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान, उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वालों और स्वर्ण पदक विजेताओं को सम्मानित किया। जम्मू यूनिवर्सिटी के विशेष दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कुलाधिपति और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने छात्रों और शिक्षकों से बदलाव को अपनाने और कौशल-प्रधान पाठ्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। इसके साथ ही, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज की मांगों को पूरा करने के लिए उभरते रुझानों के साथ तालमेल बनाए रखने समेत अलग-अलग विषयों में सहयोग करने की भी अपील की। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कार्यक्रम के दौरान दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, "10 नवंबर को दिल्ली में हुए बम विस्फोटों में जिन लोगों को हमने खोया है, मैं उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।"
उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि आतंकवाद विकास का सबसे बड़ा दुश्मन है। जम्मू-कश्मीर के लोग लंबे समय से इस आतंक का दंश झेल रहे हैं। अब वहां के युवा नए सपने देख रहे हैं और हमें उन्हें उन मुकामों तक पहुंचने के लिए पंख देने में मदद करनी चाहिए, जिनकी देश और दुनिया का हर युवा आकांक्षा रखता है।"
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी वहां मौजूद जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वालों और स्वर्ण पदक विजेताओं को बधाई दी और सभी विषयों में छात्राओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर जोर दिया और जम्मू-कश्मीर के विश्वविद्यालयों में पहुंच, गुणवत्ता और प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मिशन युवा' शिक्षा, कौशल विकास, नवाचार और मानसिक स्वास्थ्य के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रमुख पहल है, जो उन्हें न सिर्फ रोजगार के लिए, बल्कि नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण के लिए भी तैयार करती है। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "शिक्षा परिवर्तन का मूल है। विश्वविद्यालय ने आपमें निवेश किया है। अब अपने आसपास की दुनिया में निवेश करें। सफलता इसमें नहीं है कि आप अपने लिए क्या हासिल करते हैं, बल्कि इसमें है कि आप समाज के लिए क्या योगदान देते हैं।"

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