सहारा की 88 संपत्तियां होंगी नीलाम, रिफंड प्रक्रिया को मिलेगी रफ्तार – देखें पूरी लिस्ट

नई दिल्ली
सहारा ग्रुप (Sahara Group) एक बार फिर चर्चा में है, रिफंड (Refund) को लेकर निवेशकों में एक उम्मीद जगी है. सहारा इंडिया में सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से निवेशक हैं. कुछ लोगों ने अपनी सारी गाढ़ी कमाई सहारा इंडिया में जमा कर दी थी. लेकिन अब सहारा ग्रुप की संपत्तियां बेचकर निवेशकों के पैसे लौटाने की बात कही जा रही है.
दरअसल, Sahara India Commercial Corporation Ltd. (SICCL) ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई है, जिसमें वह अपनी कुछ प्रमुख अचल संपत्तियों को Adani Properties Pvt. Ltd. को एकमुश्त (Single Block) बेचने की अनुमति मांगी है. रिपोर्ट के मुताबिक सहारा इंडिया ग्रुप की 88 से अधिक संपत्तियां इस सौदे के तहत बेचने की तैयारी चल रही है.
यानी इन संपत्तियों को बेचकर, निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे. केंद्र सरकार ने साल 2022 में बताया था कि सहारा इंडिया ग्रुप की कंपनियों में कुल निवेशकों का संख्या करीब 13 करोड़ है, और इन निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक फंसे हुए हैं.
बता दें, सहारा इंडिया का मामला साल 2012 से चल रहा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की दो कंपनियों को निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक SEBI-सहारा एस्क्रो अकाउंट में करीब 26.25 हजार करोड़ रुपये जमा है. पिछले दो वर्षों में सुप्रीम कोर्ट (SC) के आदेश पर सेबी ने Sahara निवेशकों को करीब ₹5053 करोड़ लौटा दिए हैं. जिन निवेशकों ने Cooperative Societies of Sahara Group में पैसे जमा किए थे, उन्हें वापस किए गए हैं.
बिकने वाली सहारा की ये संपत्तियां:
सहारा ग्रुप के पास बड़ी संपत्ति के तौर पर Aamby Valley City है, जो महाराष्ट्र के पुणे में है, ये टाउनशिप लगभग 8,810 एकड़ में फैला हुआ है. सहारा के मुंबई एयरपोर्ट के पास Hotel Sahara Star है, लखनऊ में सहारा शहर और Sahara Ganj Mall है. इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड जैसे कई राज्यों कई संपत्तियां फैली हुई हैं.
हालांकि कितने में सभी संपत्तियों का सौदा हुआ है, इसका खुलासा नहीं हुआ है. इसपर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को होगी. अगर अदालत संपत्ति सौदे पर अपनी मुहर लगाती है तो फिर सहारा ग्रुप की तमाम संपत्तियों की ब्रिकी का रास्ता साफ हो जाएगा.
सहारा ग्रुप का बिजनेस रियल-एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी (होटल), मीडिया-चैनल, फाइनेंस/इंश्योरेंस और रिटेल में फैला हुआ था. सहारा समूह ने उत्तर भारत (UP, Bihar, Jharkhand, Rajasthan) में बड़े-बड़े आवासीय/प्लॉट और कृषि/विकास योग्य जमीन खरीदी थी. वहीं हाल के वर्षों में कई जमीनों को ED समेत तमाम जांच एजेंसियों ने अटैच कर रखा है. सहारा समूह ने न्यूयॉर्क के The Plaza Hotel में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी थी. बाद में यह संपत्ति साल 2018 में कतरी फंड (Qatar fund) को बेची दी गई.
वहीं सहारा ग्रुप (Sahara Group) के पास मौजूद करीब 19 संपत्तियों की लीज़ समीक्षा हो रही है, क्योंकि इनमें से कुछ लीज समाप्त हो चुकी है, कुछ पर कब्जा है, और कुछ को सील कर दिया गया है. लखनऊ स्थित 'सहारा बाजार' की जमीन की कीमत लगभग ₹200 करोड़ आंकी गई है.
रिफंड के लिए कहां करें अप्लाई
बता दें, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in) ल़ॉन्च किया था, जिसके माध्यम से निवेशकों के पैसे लौटाए जा रहे हैं. सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि करीब 26 लाख निवेशकों को अब तक 5,053 करोड़ रुपये लौटाए जा चुके हैं. वहीं, 13.34 लाख नए निवेशकों ने भी क्लेम किया है, जिसकी कुल राशि 27,849 करोड़ रुपये बैठती है. अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक करीब 32 लाख और निवेशक अपना दावा दर्ज कर सकते हैं.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों को पैसे लौटाने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दी है. इससे लाखों निवेशकों को राहत मिलेगी.