क्वेटा में बड़ा आतंकी हमला: सैन्य ठिकाने पर फिदायीन हमला और गोलीबारी, 10 जवान शहीद

क्वेटा
पाकिस्तान के क्वेटा शहर में स्थित सेना के मुख्यालय आज भयंकर धमाका हुआ है. पूर्वी क्वेटा में फ्रंटियर कॉर्प्स मुख्यालय के पास मंगलवार को एक ज़ोरदार विस्फोट के बाद अचानक गोलीबारी हुई. विस्फोट की आवाज मॉडल टाउन और आसपास के इलाकों में सुनी गई, जिसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. विस्फोट से आस-पास के घरों और इमारतों की खिड़कियां टूट गईं. पाकिस्तान की न्यूज वेबसाइट डॉन के अनुसार इस धमाके में अबतक 10 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 32 लोग घायल हो गए हैं. मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
बलूचिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री बख्त मुहम्मद काकर और स्वास्थ्य सचिव मुजीब-उर-रहमान ने सिविल अस्पताल क्वेटा, बीएमसी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में आपातकाल की घोषणा कर दी है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सभी सलाहकार, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ड्यूटी पर हैं. बचाव सूत्रों ने पुष्टि की है कि घायलों और मृतकों के शवों को सिविल अस्पताल क्वेटा भेज दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार धमाके के बाद शहर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया है. धमाके के बाद मौके पर फायरिंग की भी आवाज सुनी गई है. इसके बाद लोग सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं. धमाके के बाद घटनास्थल से धुएं का गुबार निकलते हुए देखा गया.
शुरुआती रिपोर्ट में पता चला है कि धमाका बेहद तेज था, लेकिन धमाके की स्पष्ट वजह सामने नहीं आ पाई है. इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और कॉम्बिंग ऑपरेशन चला रही है.
धमाके की तस्वीरें वहां लगी एक सीसीवीटी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है. इसमें धमाके की आवाज और आग की लपटें देखी जा सकती हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट का पता लगाने के लिए जांच जारी है. बचाव दल और पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं, जबकि तलाशी अभियान के लिए इलाके को सील कर दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सभी डॉक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल कर्मचारी ड्यूटी पर हैं.
क्वेटा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी है. ये स्थान चरमपंथी हिंसा का प्रमुख केंद्र रहा है. यहां पर अलगाववादी और चरमपंथी हिंसा की घटनाएं आम है. इसमें लश्कर-ए-झंगवी (LeJ) और इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रोविंस (ISKP) के नाम आते हैं.
इसके अलावा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) भी इस इलाके में सक्रिय है. हाल-फिलहाल में बलूच अलगाववादी हमले भी यहां बढ़े हैं.