प्रशांत किशोर ने दी चेतावनी, सरकार पर दबाव: सम्राट चौधरी को मर्डर केस में तुरंत गिरफ्तार किया जाए

पटना 
जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बड़े नेता सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम पद से बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने की मांग की है। प्रशांत किशोर ने 1995 में तारापुर में छह लोगों की सामूहिक हत्या के केस में अभियुक्त रहे सम्राट चौधरी पर गलत उम्र का दस्तावेज देकर कोर्ट से राहत लेने का आरोप लगाया है। प्रशांत ने कहा कि सम्राट ने 1995 में अपनी उम्र 14-15 साल दिखाने और बतौर नाबालिग राहत पाने के लिए बिहार बोर्ड की परीक्षा का प्रवेश पत्र कोर्ट को दिया था। प्रशांत ने बताया कि सम्राट ने 2020 के चुनाव में जो शपथ पत्र दिया है, उसके मुताबिक वो 51 साल के थे और इस हिसाब से 1995 में 26 साल उम्र बनती है, इसलिए उन्हें बर्खास्त करके जेल भेजना चाहिए।

प्रशांत किशोर ने पटना में सोमवार को पत्रकार सम्मेलन बुलाकर सम्राट चौधरी पर ताजा हमला बोला है। उन्होंने पहले भी सम्राट पर इसी मर्डर केस को लेकर आरोप लगाए थे। सम्राट ने अपने जवाब में कहा था कि उनकी उम्र और नाम को लेकर विवाद पहले से सार्वजनिक है। प्रशांत के ताजा हमले पर सम्राट ने तंज में कहा कि पीके खोजी पत्रकार बन गए हैं। प्रशांत ने सोमवार को पटना में कहा कि वो केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि सम्राट को हत्या के आरोप में तुरंत पद से बर्खास्त करके अरेस्ट किया जाए।

प्रशांत किशोर ने कहा- “तारापुर में 1995 में छह लोगों की जो हत्या हुई, सातों कुशवाहा समाज के थे।… छह लोगों की हत्या के अभियुक्त हैं, आरोप नहीं है, अभियुक्त हैं, राकेश कुमार उर्फ सम्राट कुमार मौर्य उर्फ सम्राट चौधरी। तारापुर केस नंबर 44/1995। 24 अप्रैल 1995 को इन लोगों ने सीजेएम कोर्ट में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) का प्रवेश पत्र जमा किया। एडमिट कार्ड में नाम- सम्राट चंद्र मौर्य। पिता का नाम- शकुनी चौधरी। जन्मतिथि- 1 मई 1981। रिजल्ट- फेल। नंबर आया 268। कैटेगरी प्राइवेट है।”

प्रशांत ने कहा- “ये सुप्रीम कोर्ट का दस्तावेज है, जो सम्राट चौधरी ने जमा किया है। जिसमें यह बताया है कि उनका जन्म वर्ष 1981 है, उसके हिसाब से सीजीएम कोर्ट ने उनको 15 साल उम्र का नाबालिग मानकर राहत दिया। इनको जेल से निकाला गया। कानूनन 18 साल से कम उम्र के बच्चे को जेल में नहीं रखा जा सकता। यह बात तो सब जानते हैं। लेकिन आज क्यों कह रहा हूं कि उनको गिरफ्तार करना चाहिए।”

1995 में सम्राट चौधरी के उम्र पर सवाल खड़ा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा- “2020 का, जो सम्राट चौधरी ने चुनाव घोषणा पत्र दिया है, इसमें अपना उम्र बताया है 51 साल। इसका मतलब 2020 में उससे 25 साल कम करने पर उनकी उम्र 26 साल बनती है। 26 साल के आदमी को कोर्ट ने गलती से, गलत प्रमाण पत्र के आधार नाबालिग होने के नाम पर अभियुक्त रहते जेल से बरी कर दिया गया था कि ये 15 साल के हैं। इनका अपना दस्तावेज बता रहा है कि ये उस समय 26 साल के थे। 26 साल के आदमी पर अगर 6 लोगों की हत्या का आरोप है तो जब तक कोर्ट से बरी नहीं होते, तब तक उनको जेल में होना चाहिए। और ये आदमी यहां का डिप्टी सीएम बनकर बैठा हुआ है।”

प्रशांत किशोर ने कहा कि हत्या के आरोपी सम्राट चौधरी संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं। ये देश के संविधान का अपमान है। जिस आदमी को जेल में होना चाहिए, वो यहां का उपमुख्यमंत्री बना हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कार्रवाई नहीं करेंगे तो जन सुराज पार्टी राज्यपाल के पास जाएगी और सम्राट की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग करेगी। प्रशांत ने कहा कि वो सम्राट के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखेंगे। उन्होंने कहा कि ऐक्शन नहीं होता है तो जन सुराज पार्टी इस केस को लेकर अदालत भी जाएगी।

 

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