इस दुर्गा अष्टमी पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, मान्यता है मिलती है खुशहाली और सफलता

हिंदू धर्म में नवरात्रि का काफी महत्व माना गया है। इसमें 9 दिनों तक माता के 9 स्वरूपों की पूजन की जाती है। नवरात्रि में महाअष्टमी का विशेष महत्व माना गया है। 30 सितंबर को शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। इस दिन माता गौरी की पूजन का विशेष महत्व माना गया है।

अष्टमी के दिन माता महागौरी की पूजन करने के साथ व्रत रखा जाता है। इस दिन संधि पूजन भी होती है। इस बार शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर शोभन योग सहित कई मंगलकारी योग निर्मित हो रहे हैं। इन योग में जो माता गौरी की पूजन करेगा उसकी हर मनोकामना पूरी होगी। चलिए आपको इस बारे में बताते हैं।

दुर्गा अष्टमी का मुहूर्त 

29 सितंबर को 4:32 से शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। स्थिति का समापन 30 सितंबर शाम 6:06 पर होगा। महाष्टमी का व्रत 30 सितंबर को रखा जाएगा। विभिन्न संध्याकाल में पूजन का समय 5:42 से 6:30 तक का है।

बन रहे कौन से योग

अष्टमी तिथि पर बना रहे योग की बात करें तो इस दिन शोभन योग का निर्माण हो रहा है। यह देर रात 1:03 तक रहेगा। इसके अलावा शाम को 6:06 से शिव वास योग का निर्माण हो रहा है। यह ऐसा योग होता है जब भगवान शिव स्वयं माता पार्वती के साथ हिमालय पर वास करते हैं। इन योग में जो भी माता दुर्गा की पूजन करेगा उसे सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होगी।

ये हैं मुहूर्त

इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6:10 और सूर्यास्त का समय शाम 6:05 है। चंद्रोदय दोपहर 1:36 मिनट पर होगा और चंद्रास्त रात 11:51 पर है। शुभ मुहूर्त की बात करें तो 4:33 से 5:22 तक ब्रह्म मुहूर्त है। दोपहर 2:07 से 2:54 तक विजय मुहूर्त। शाम 6:05 से 6:29 तक गोधूलि मुहूर्त। रात 11:43 से 12:46 तक निशिता मुहूर्त है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button