30 सितंबर को उज्जैन में नगर पूजा: सम्राट विक्रमादित्य के समय से चली आ रही अनोखी परंपरा

उज्जैन
 शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर 30 सितंबर को नगर की सुख समृद्धि के लिए मदिरा की धार से पूजा होगी। चौबीस खंभा माता मंदिर में सुबह 8 बजे कलेक्टर रौशन कुमार सिंह माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर पूजा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद अधिकारी व कोटवारों का दल ढोल ढमाकों के साथ 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए रवाना होगा।

महाअष्टमी पर नगर पूजा की परंपरा सम्राट विक्रमादित्य के काल से चली आ रही है। कालांतर में भी रियासत के समय पूजन का क्रम जारी रहा। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद शासन की ओर से नगर पूजा कराई जा रही है। इस बार तिथि वृद्धि के कारण 30 सितंबर को महाअष्टमी मनाई जाएगी। कलेक्टर रौशन कुमार सिंह माता महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद शासकीय दल अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए रवाना होगा।

27 किमी लंबे मार्ग पर मदिरा की धार लगेगी

पूजा के दौरान शहर में 27 किलो मीटर लंबे मार्ग पर मदिरा की धार लगाई जाएगी। इसके साथ पुरी, भजिए, भीगे हुए गेहूं व चने की घुघरी सहित नैवेद्य की अन्य वस्तुएं अर्पण की जाएगी। मान्यता है इससे नगर में मौजूद अतृप्त आत्माओं को तृप्ति मिलती है और वें प्रसन्न होकर नगरवासियों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

शक्तिपीठ हरसिद्धि में दोपहर 12 बजे होगी पूजामहाअष्टमी पर शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर में दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा होगी। कलेक्टर रौशन कुमार सिंह व एसपी प्रदीप शर्मा सपत्नीक माता हरसिद्धि का पूजन करेंगे। हरसिद्धि मंदिर में सात्विक पूजा होती है, यहां माता को मदिरा का भोग नहीं लगाया जाता है। इसलिए कलेक्टर यहां अलग से पूजा अर्चना करने आते हैं।

गढ़कालिका में रात 12 बजे होगी महाआरती

नगर के प्राचीन देवी मंदिरों में शुमार श्री गढ़कालिका माता मंदिर में महाअष्टमी पर रात 12 बजे महाआरती होगी। माता का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। शारदीय नवरात्र की पूर्णाहुति पर भंडारे का आयोजन होगा।

नगर पूजा में यह खास

    27 किलो मीटर लंबा नगर पूजा मार्ग
    40 से अधिक देवी व भैरव मंदिर में होगी पूजा
    12 घंटे का समय लगेगा नगर पूजा में
    25 से अधिक बोतल मदिरा का उपयोग होगा

 

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