पेंशनधारकों के लिए खुशखबरी: नए नियम से बढ़ेगा लाभ, जानें पूरी डिटेल

नई दिल्ली
अगले महीने 1 अक्टूबर 2025 से गैर-सरकारी क्षेत्र के NPS सब्सक्राइबर्स को एक बड़ी सुविधा मिलेगी। अब वे किसी एक NPS स्कीम में अपने फंड का 100% हिस्सा इक्विटी (शेयरों) में निवेश कर सकेंगे। यह बदलाव हाल ही में पेश किए गए मल्टिपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) के तहत किया गया है। इसके तहत जो लोग सरकार की नौकरी में नहीं हैं, वे अब अपने स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) के माध्यम से अलग-अलग CRA (केंद्रीय रिकॉर्डकीपिंग एजेंसियां जैसे CAMS, Protean और KFintech) में कई स्कीमें रख सकेंगे। बता दें कि पहले तक यह सुविधा सीमित थी। यानी प्रति टियर, प्रति CRA केवल एक ही स्कीम रखने की अनुमति थी।
क्या है अधिसूचना
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि PFRDA ने पेंशन फंड्स (PFs) को यह अनुमति दी है कि वे अलग-अलग सब्सक्राइबर समूहों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई स्कीमें ला सकें। इनमें डिजिटल इकॉनमी वर्कर, स्वयं-रोजगार वाले प्रोफेशनल्स और कॉर्पोरेट कर्मचारी (जहां नियोक्ता भी योगदान करता है) शामिल होंगे। हर स्कीम में कम से कम दो वेरिएंट होना जरूरी होगा। 1. मॉडरेट रिस्क और 2. हाई रिस्क (जिसमें 100% तक इक्विटी में निवेश की अनुमति होगी)। पेंशन फंड चाहें तो लो-रिस्क विकल्प भी दे सकते हैं।
एग्जिट और विदड्रॉल नियम-
बाहर निकलने की शर्तें और एन्युटाइजेशन पहले की तरह ही PFRDA रेगुलेशन्स के तहत लागू रहेंगी।
स्विचिंग नियम-
MSF के तहत शुरू की गई स्कीम से कॉमन स्कीम में स्विच करना वेस्टिंग पीरियड के दौरान अनुमति होगी। लेकिन Section 20(2) स्कीमों के बीच स्विचिंग केवल तभी संभव होगी — जब कम से कम 15 साल का वेस्टिंग पीरियड पूरा हो जाए, या नॉर्मल एग्जिट के समय।
जानिए 1 अक्टूबर से क्या बदलेगा?
1. मल्टिपल स्कीम की सुविधा- अब एक ही PAN पर अलग-अलग सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (CRAs) में एक से अधिक स्कीमें रखी और मैनेज की जा सकेंगी। पहले केवल एक टियर में एक ही स्कीम की अनुमति थी।
2. अनुकूलित विकल्प- पेंशन फंड अब अलग-अलग समूहों के लिए नई स्कीमें ला सकेंगे — जैसे कॉर्पोरेट कर्मचारी, गिग वर्कर या स्वयं-रोजगार वाले प्रोफेशनल। हर स्कीम में कम से कम दो वेरिएंट होंगे — मॉडरेट और हाई रिस्क। हाई रिस्क स्कीम में 100% तक इक्विटी में निवेश की अनुमति होगी।
3. अधिक विविधीकरण- निवेशक अब एक ही अकाउंट में कंजरवेटिव और आक्रामक रणनीतियों को बैलेंस कर पाएंगे। इससे बचत को जीवन के अलग-अलग लक्ष्यों के हिसाब से बेहतर ढंग से जोड़ा जा सकेगा।