इंदिरा एकादशी व्रत 2025: शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और खास नियम

हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत महत्व रखता है. एकादशी का व्रत श्रीहरि विष्णु भगवान के लिए रखा जाता है. साल में कुल 24 एकादशी के व्रत पड़ते हैं. इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होता है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है. एकादशी के व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है.

साल 2025 में आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी का विशेष महत्व है क्योंकि यह व्रत पितृपक्ष के दौरान आता है. इंदिरा एकादशी के दिन उन लोगों का श्राद्ध कर्म किया जाता है जिनकी मृत्यु कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन हुई हो.

इंदिरा एकादशी के दिन पूरी श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए व्रत करने से पितरों की कृपा के साथ-साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही पितृ ऋण से मुक्ति भी मिलती है.

इंदिरा एकादशी 2025 तिथि व समय
    एकादशी तिथि प्रारंभ: 17 सितंबर 2025, बुधवार, रात 12:21 बजे
    एकादशी तिथि समाप्त: 17 सितंबर 2025, रात 11:39 बजे

व्रत पारण
    एकादशी व्रत का पारण 18 सितंबर, गुरुवार को सुबह 6:07 से 8:34 बजे के बीच कर सकते हैं.
    व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना अनिवार्य है. इस दिन द्वादशी तिथि रात 11:24 बजे समाप्त होगी.

पूजन-विधि
    इंदिरा एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें.
    भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर धूप, फूल, तुलसीदल और पंचामृत से पूजा करें.
    श्रीहरि को पीले वस्त्र और मौसमी फल अर्पित करें.
    विष्णु सहस्रनाम या विष्णु मंत्र का जाप करें.
    दिनभर उपवास रखते हुए पितरों का स्मरण करें.
    शाम को कथा सुनें और भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करें.

पंचांग के अनुसार एकादशी का व्रत शुभ योगों में रखा जाएगा. इस दिन परिघ योग का निर्माण हो रहा है. साथ ही शिव योग का संयोग रहेगा. इस व्रत को करने से श्राद्ध कर्म के अनुसार पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button