सोने ने रचा इतिहास: 61 साल में पहुँचा ₹113,736.75 तक, जानें साल-दर-साल रेट

मुंबई 

सोने की खरीद करने वालों के लिए एक बहुत ही महत्पूर्ण जानकारी है. वह यह है कि 31 दिसंबर 2024 के बाद साल 2025 की शुरुआत से लेकर 12 सितंबर 2025 तक देश के सर्राफा बाजारों में सोना रिकॉर्ड की झड़ी लगाते हुए करीब 34,850 रुपये या 44.14% तक महंगा हो गया है. साल 2025 में अब तक इसकी कीमतों में उछाल आने के पीछे कई कारकों को अहम माना जा रहा है. इनमें वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिकी टैरिफ नीतियां, कमजोर डॉलर, फेडरल रिजर्व की ब्याज दर कटौती की उम्मीदों और भारत में त्योहारी मांग प्रमुख हैं.

सबसे अहम बात यह है कि सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत में आज से करीब 60 साल पहले 1964 में सोने की कीमत जानकर आप माथा पकड़कर बैठ जाएंगे, क्योंकि उस समय इसकी कीमत मात्र 63.25 रुपये प्रति 10 ग्राम था. इन 60 सालों के दौरान सोने की कीमतों आई उछाल का मूल्यांकन करेंगे, उस समय से अब तक इसकी कीमत में करीब 1798 गुना बढ़कर 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है. इसका मतलब यह है कि आज के 60 साल पहले वर्ष 1964 में जिस व्यक्ति ने 100 सोना खरीदकर रख लिया होगा, आज वह करोड़पति हो गया होगा. आइए, टाइमलाइन के माध्यम से जानते हैं कि साल 2025 में सोने की कीमत ने कब-कब रिकॉर्ड बनाया और साल 1964 से लेकर 12 सितंबर 2025 तक साल-दर-साल सोना कैसे महंगा होता चला गया?

2025 में किन कारणों से सोना हुआ महंगा

    वैश्विक स्तर पर: गोल्ड का अंतरराष्ट्रीय भाव 3,500 डॉलर प्रति औंस को पार कर 3,674 डॉलर तक पहुंचा, जो ट्रंप की टैरिफ नीतियों और भू-राजनीतिक तनावों से प्रेरित है.
    भारतीय बाजार में: कमजोर रुपये (88.16 तक गिरावट), सेंट्रल बैंक खरीदारी (आरबीआई ने 2025 में 72.6 टन सोना जोड़ा) और त्योहारी सीजन की मांग से सोना महंगा हुआ.
    उपभोग का प्रभाव: भारत में 2025 का गोल्ड उपभोग 600-700 टन अनुमानित है, लेकिन ऊंची कीमतों से ज्वेलरी डिमांड 10% घट गई.

2025 में सोने की कीमतों ने कब-कब बनाया नया रिकॉर्ड

वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में भारी उछाल आया है. 31 दिसंबर 2024 को सोने का भाव 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम था, यानी इस साल अब तक 34,850 रुपये या 44.14% की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है.
  

    31 दिसंबर 2024: 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम
    16 अप्रैल 2025: 94,579 रुपये प्रति 10 ग्राम
    17 अप्रैल 2025: 97,310 रुपये प्रति 10 ग्राम
    18 अप्रैल 2025: 97,580 रुपये प्रति 10 ग्राम
    22 अप्रैल 2025: 1,01,350 रुपये प्रति 10 ग्राम
    30 अप्रैल 2025: 1,02,000 रुपये प्रति 10 ग्राम
    23 जुलाई 2025: 1,00,510 रुपये प्रति 10 ग्राम
    7 अगस्त 2025: 101,470 रुपये प्रति 10 ग्राम
    8 अगस्त 2025: 101,900 रुपये प्रति 10 ग्राम
    29 अगस्त 2025: 1,02,490 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2 सितंबर 2025: 1,06,140 रुपये प्रति 10 ग्राम
    3 सितंबर 2025: 1,08,000 रुपये प्रति 10 ग्राम
    9 सितंबर 2025: 1,12,750 रुपये प्रति 10 ग्राम
    10 सितंबर 2025: 1,10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम
    11 सितंबर 2025: 1,13,100 रुपये प्रति 10 ग्राम
    12 सितंबर 2025: 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम

स्रोत: दिल्ली एमसीएक्स

61 साल में 113,736.75 रुपये महंगा हो गया सोना

आपको बता दें कि साल 1964 में जब गुलजारी लाल नंदा और लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री थे, तब भारत के सर्राफा बाजारों में सोने की कीमत करीब 63.25 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. आज करीब 61 साल बाद 12 सितंबर 2025 तक देश के सर्राफा बाजारों में इसकी कीमत 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है. इन 61 सालों में सोना करीब 113,736.75 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हो गया है.
1964 से 2025 तक सोने का भाव

    1964: 63.25 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1965: 71.75 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1966: 83.75 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1967: 102.50 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1968: 162.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1969: 176.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1970: 184.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1971: 193.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1972: 202.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1973: 278.50 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1974: 506.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1975: 540.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1976: 432.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1977: 486.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1978: 685.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1979: 937.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1980: 1,330.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1981: 1670.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1982: 1,645.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1983: 1,800.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1984: 1,970.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1985: 2,130.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1986: 2,140.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1987: 2,570.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1988: 3,130.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1989: 3,140.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1990: 3,200.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1991: 3,466.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1992: 4,334.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1993: 4,140.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1994: 4,598.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1995: 4,680.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1996: 5,160.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1997: 4,725.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1998: 4,045.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    1999: 4,234.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2000: 4,400.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2001: 4,300.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
   
2002: 4,990.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2003: 5,600.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2004: 5,850.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2005: 7,000.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2007: 10,800.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2008: 12,500.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2009: 14,500.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2010: 18,500.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2011: 26,400.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2012: 31,050.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2013: 29,600.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2014: 28,006.50 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2015: 26,343.50 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2016: 28,623.50 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2017: 29,667.50 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2018: 31,438.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2019: 35,220.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2020: 48,651.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2021: 48,720.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2022: 52,670.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2023: 65,330.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2024: 77,913.00 रुपये प्रति 10 ग्राम
    2025 (12 सितंबर 2025): 1,13,800 रुपये प्रति 10 ग्राम

स्रोत: बैंक बाजार डॉट कॉम

मिराए एसेट शेयरखान के कमोडिटीज एंड करेंसीज प्रमुख प्रवीण सिंह का कहना है कि सोने में सकारात्मक रुख जारी रहेगा. हालांकि जोखिम उठाने की प्रवृत्ति फिलहाल सुरक्षित निवेश की मांग को थोड़ी कम कर सकती है. अबांस फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता ने कहा कि निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों, श्रम बाजार के आंकड़ों और राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं. ये सभी कारक ब्याज दरों की दिशा और कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित करेंगे. उन्होंने यह भी जोड़ा कि स्थिर मुद्रास्फीति, संभावित ब्याज दर कटौती और बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के चलते सोना निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है.

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