सुल्तानगंज विधानसभा: नीतीश कुमार की पकड़ आज भी मजबूत

सुल्तानगंज
सुल्तानगंज विधानसभा सीट भागलपुर जिले में स्थित है…यह विधानसभा क्षेत्र बांका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह सीट साल 1951 से ही अस्तित्व में है। 2008 से पहले तक यह भागलपुर लोकसभा का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह क्षेत्र बांका लोकसभा के अंतर्गत आ गया। साल 1951 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुए और 1967 तक कांग्रेस का ही कब्जा रहा। 1951 में कांग्रेस के राश बिहारी लाल, 1957 में सरस्वती देवी तो 1962 में देबी प्रसाद महतो चुनाव जीते थे। 1967 में इस सीट पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बी.पी.शर्मा विधायक चुने गए थे। 1969 और 1972 में इस सीट पर एक बार फिर से कांग्रेस ने कब्जा जमाया और राम रक्षा प्रसाद यादव लगातार दो बार विधायक चुने गए थे।
 
1977 में यह सीट जनता पार्टी के खाते में गई और जागेश्वर मंडल विधायक बने थे। 1980 और 1985 में भी कांग्रेस का ही कब्जा रहा। 1980 में नंद कुमार मांझी और 1985 में उमेश चंद्र दास विधायक चुने गए थे। 1990 और 1995 में यह सीट जनता दल के पास रही और फणींद्र चौधरी लगातार दो बार विधायक बने। साल 2000 में इस सीट पर समता पार्टी के गणेश पासवान विधायक चुने गए थे। 2005 में जेडीयू की टिकट पर सुधांशु शेखर भास्कर यहां से विधायक बने। वहीं 2010 और 2015 में लगातार दो बार यहां से जेडीयू उम्मीदवार सुबोध राय ने जीत हासिल की थी। 2020 में जेडीयू की तरफ से ललित नारायण मंडल ने फिर से सुल्तानगंज में तीर को निशाने पर ही मारा था।
 
वहीं 2020 के चुनाव में सुल्तानगंज सीट पर जेडीयू उम्मीदवार ललित नारायण मंडल ने जीत हासिल की थी। ललित नारायण मंडल को 72 हजार आठ सौ 23 वोट मिला था तो कांग्रेस उम्मीदवार ललन कुमार को 61 हजार दो सौ 58 वोट ही मिला था। इस तरह से ललित नारायण मंडल ने ललन कुमार को 11 हजार पांच सौ 65 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट नीलम देवी 10 हजार दो सौ 22 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
 
वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जेडीयू कैंडिडेट सुबोध राय ने जीत हासिल की थी। सुबोध राय ने बीएलएसपी के हिमांशु पटेल को 14 हजार 33 वोटों से हराया था। सुबोध राय को कुल 63 हजार तीन सौ 45 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे हिमांशु पटेल को कुल 49 हजार तीन सौ 12 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय कैंडिडेट ललन कुमार को कुल 14 हजार 73 वोट मिले थे।
 
वहीं 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में सुल्तानगंज सीट पर जेडीयू उम्मीदवार सुबोध राय ने जीत हासिल की थी। सुबोध राय ने आरजेडी कैंडिडेट रामावतार मंडल को 4 हजार आठ सौ 45 वोट के अंतर से हराया था। सुबोध राय को कुल 34 हजार छह सौ 52 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे रामावतार मंडल को कुल 29 हजार आठ सौ सात वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे एलटीएसडी के ओमदत्त चौधरी को कुल 9 हजार 20 वोट ही मिले थे।
 
वहीं 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में सुल्तानगंज सीट पर जेडीयू कैंडिडेट सुधांशु शेखर भास्कर ने जीत हासिल की थी। सुधांशु शेखर भास्कर ने आरजेडी कैंडिडेट गणेश पासवान को 11 हजार छह सौ 87 वोटों से हराया था। सुधांशु शेखर भास्कर को कुल 48 हजार 63 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे गणेश पासवान को कुल 36 हजार तीन सौ 76 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे सीपीआई कैंडिडेट विजय कुमार पासवान को कुल 6 हजार पांच सौ आठ वोट मिले थे।
 
सुल्तानगंज विधानसभा सीट के चुनावी नतीजों को तय करने में कुशवाहा, यादव, ब्राह्मण और मुस्लिम वोटरों की अहम भूमिका रही है। सुल्तानगंज सीट को जेडीयू का गढ़ माना जाता है…इसलिए इस बार तेजस्वी यादव को कुछ नया करना होगा। अगर तेजस्वी यादव ने सुल्तानगंज में कुछ नया दांव नहीं चला तो यहां फिर से ‘तीर’ निशाने पर लग सकता है।

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