भविष्य की वॉर मशीन भारत में: PM मोदी करेंगे दुनिया की सबसे बड़ी रक्षा डील का ऐलान

नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को 114 नए राफेल फाइटर जेट खरीदने का आधिकारिक प्रस्ताव भेजा है। यह कदम बताता है कि भारत का भरोसा अब भी फ्रांस के राफेल पर पूरी तरह कायम है। अगर यह डील फाइनल होती है तो यह दुनिया के सबसे बड़े रक्षा समझौतों में से एक होगी।यह खरीद MRFA (मीडियम रोल फाइटर एयरक्राफ्ट) कार्यक्रम के तहत होगी और इसका अनुमानित मूल्य 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है।भारतीय वायुसेना ने 114 विमानों का प्रस्ताव (SoC-Statement of Case) रक्षा मंत्रालय को भेज दिया है। अब इस पर रक्षा और वित्त मंत्रालय समेत अन्य विभाग विचार करेंगे। इसके बाद यह मामला जाएगा रक्षा खरीद बोर्ड (DPB) और फिर रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) के पास। मंजूरी मिलते ही औपचारिक डील पर हस्ताक्षर होंगे।
नया F4 वैरिएंट "सुपर राफेल"?
फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने राफेल का एडवांस वैरिएंट F4 पेश किया है। इसे "सुपर राफेल" कहा जा रहा है क्योंकि:
इसमें बेहतर राडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर क्षमता है।
इसमें सैटेलाइट कम्युनिकेशन और नए हथियार सिस्टम जोड़े गए हैं।
यह पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स के काफी करीब है, हालांकि इसमें पूरी तरह से "स्टील्थ" तकनीक नहीं है।
F4 जेट्स से भारतीय वायुसेना को 6-7 नए स्क्वाड्रन मिल सकते हैं।
अभी भारत के पास सिर्फ 2 स्क्वाड्रन राफेल के हैं।
भारत के पास मौजूदा राफेल (F3R वैरिएंट) की खासियत
भारत ने 2016 में फ्रांस से 36 राफेल F3R वैरिएंट खरीदने के लिए लगभग 59,000 करोड़ रुपए की डील की थी।
यह जेट 2020 से भारतीय वायुसेना में शामिल हैं।
भारत के लिए इसमें 13 विशेष बदलाव किए गए।
इसमें लगी SCALP क्रूज मिसाइल 250 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक वार कर सकती है और इसमें 450 किलोग्राम का वारहेड होता है।
चीन के साथ 2020 के लद्दाख विवाद के समय राफेल को तैनात किया गया था।
पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के लिए भी राफेल का इस्तेमाल किया गया।
इन अनुभवों ने राफेल की ताकत और विश्वसनीयता को साबित कर दिया।
दुनिया में F4 की मांग
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पहले ही फ्रांस से F4 वैरिएंट खरीदने की डील कर ली है। भारत भी अब उसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है। यदि यह डील होती है तो भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा जिनके पास राफेल का सबसे एडवांस वैरिएंट होगा।भारत यह डील करता है तो वायुसेना की संख्या और ताकत दोनों बढ़ेगी। भारत के पास ऐसा फाइटर जेट होगा जो आने वाले दशकों तक दुश्मनों पर स्पष्ट तकनीकी बढ़त बनाए रखेगा। चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए यह एक स्ट्रॉन्ग स्ट्रैटेजिक मैसेज होगा।