महिला नक्सली कमांडर सुजाता, इनामी राशि 1 करोड़, ने आत्मसमर्पण किया बस्तर में आतंकवाद खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम

बस्तर 

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और लगातार हो रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन को देखते हुए एक करोड़ की इनामी कुख्यात महिला नक्सली सुजाता ने आखिरकार सरेंडर कर दिया। छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे में इन दिनों सुरक्षा बलों की भारी दहशत है। ऐसे में सुजाता के सरेंडर से बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे मुहिम के बीच माओवादियों संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है। सुजाता दक्षिण बस्तर में कई वर्षों से एक्टिव थी और नक्सलियों के दक्षिण सब जोन ब्यूरो इंचार्ज रह चुकी है। सुजाता पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
कुख्यात नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है सुजाता

पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुजाता ने तेलंगाना में सरेंडर किया है। उसके सरेंडर से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। यह सरेंडर नक्सल संगठन का मनोबल गिराने वाला साबित होगा। खास बात यह है कि सुजाता कुख्यात नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है, जो कुछ साल पहले पश्चिम बंगाल में मुठभेड़ के दौरान मारा गया था। सरेंडर करने वाली सुजाता खुद सीसी मेंबर है और कई राज्यों में उस पर लाखों का इनाम घोषित है।

बढ़ा है दबाव

दरअसल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलियों के खात्मे का ऐलान किया है. इसके बाद छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है. इसी अभियान के चलते बसवाराजू, बालकृष्णा जैसे एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ में मार गिराया है. इनके अलावा भी कई बड़े कैडर मारे गए हैं. इससे नक्सल संगठन को बहुत बड़ा झटका लगा है. इसी बढ़ते दबाव के चलते नक्सली इलाका छोड़कर भाग रहे हैं. ऐसे में नक्सली सुजाता ने भी तेलंगाना में जाकर सरेंडर किया है. 

सुजाता का पति भा मारा गया

नक्सली सुजाता नक्सलियों की दक्षिण सब ज़ोनल ब्यूरो की इंचार्ज है. बस्तर में कई वर्षों से सक्रिय थी. सुजाता बंगाल में मारे गए नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है. बताया जा रहा है कि पति और अन्य साथियों के मारे जाने के बाद सुजाता भी काफी घबरा चुकी थी. ऐसे में उसने तेलंगाना पुलिस के सामने जाकर सरेंडर कर दिया.  

सुजाता दक्षिण बस्तर में सक्रिय रहीपुलिस सूत्रों के मुताबिक, सुजाता लंबे समय से छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सक्रिय रहकर बड़े हमलों की साजिश रचने में शामिल रही है। सुजाता के सरेंडर को छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने के अभियान को बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस बार बरसात में भी ऑपरेशन चलाया जा रहा है और एनकाउंटर में लगातार शीर्ष माओवादी मारे जा रहे हैं।

सुजाता ने गिरफ्तारी की खबर का किया था खंडन

सूत्रों के मुताबिक, 17 अक्टूबर 2024 को सुजाता को तेलंगाना से गिरफ्तार करने की खबर सामने आई थी पर यह खबर अफवाह साबित हुई थी। क्योंकि खुद सुजाता ने ही इसका खंडन करते हुए कहा था कि उसकी गिरफ्तारी की खबर अफवाह है। कहा गया था कि वह इलाज कराने के लिये बस्तर से तेलंगाना गई थी, जहां पर उसे तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

बस्तर के जंगलों में बीता सुजाता का समय

डीके एसजेडसी के सचिव रामन्ना की मौत के बाद सुजाता को डीकेएसजेडसी का प्रभारी बनाया गया था। इसके पश्चात वर्तमान में वह साउथ सब जोनल ब्यूरो की प्रभारी के रुप में कार्यरत थी। सुजाता का अधिकांश समय बस्तर के जंगलों में बीता है। वह तेलंगाना और बंगाल में भी सक्रिय रह चुकी है। बस्तर में तर्रेम थाना के भट्टीगुड़ा, तुमलपाट व मीनागुट्टा के जंगलों में अक्सर देखी जाती थी। वह अपने परिवार की तीसरी बड़ी नक्सली थी, जिसे नक्सलियों का थिंक टैंक माना जाता था। यही कारण है कि उसे नक्सलियों की सर्वोच्च सेंट्रल कमेटी में शामिल किया गया था।

नामनक्सल संगठन में सुजाता के कई नाम प्रचलित

नक्सल संगठन में उसके कई नामनक्सल संगठन में सुजाता के कई नाम प्रचलित हैं। उसे पद्मा, कल्पना, सुजाता, सुजातक्का, झांसीबाई कहा जाता है। बंगाल में उसे मैनीबाई के नाम से भी जाना जाता है। 12वीं तक पढ़ी सुजाता अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, ओडि़या, तेलुगु के साथ गोंडी, हल्बी बोली की जानकार है।

बड़े हमलों के पीछे सुजाता का दिमाग

बड़े हमलों के पीछे सुजाता का ही दिमाग रहा है। 2007 में एर्राबोर में 23 जवान बलिदान, अप्रैल 2010 में ताड़मेटला में 76 जवान बलिदान, 2010 में गादीरास में 36 की हत्या, झीरम में 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमले में 31 की हत्या, 2017 ¨चतागुफा में 25 जवान, मिनपा में 17 जवान, टेकुलगुड़ेम में 21 जवान के बलिदान की घटनाओं के पीछे सुजाता ही रही है।

माओवादी संगठन को लगातार झटका

छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठनों को एक के बाद एक लगातार झटके मिल रहे हैं। दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस एनकाउंटर में 10 नक्सली मारे गए थे, जिसमें एक करोड़ का इनामी नक्सली सीसी मेंबर मनोज उर्फ बालकृष्ण भी शामिल था। गरियाबंद में मारे गए सभी 10 नक्सलियों रुपये 2.40 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। वहीं एक दिन पहले बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया था। नक्सलियों की पहचान हिड़मा पोड़ियाम और मुन्ना मड़कम के रूप में हुई थी। दोनों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मुठभेड़ स्थल से एक 303 रायफल, एक नग 12 बोर बंदूक सहित विस्फोटक सामान और प्रतिबंधित नक्सल संगठन के अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button