नशामुक्ति केंद्रों में अब होगी सख्त जांच! सामाजिक न्याय मंत्री कुशवाहा ने दिए निर्देश

सामाजिक न्याय मंत्री कुशवाहा ने नशामुक्ति केंद्रों की जाँच के दिये निर्देश

राज्य स्तरीय कार्यक्रम कर दिव्यांगों की प्रतिभा को मंच देने के निर्देश

भोपाल
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने प्रदेश में संचालित समस्त शासकीय नशा मुक्ति केंद्रों के निरीक्षण के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित कर केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण कराया जाए। उन्होंने यह निर्देश शुक्रवार को मंत्रालय में विभागीय समीक्षा बैठक में दिये। इसके साथ ही दिव्यांगों के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर मेडिकल बोर्ड के शिविर आयोजित करने के निर्देश भी दिए।

मंत्री कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "विकसित भारत का मंत्र-भारत हो नशे से स्वतंत्र" देशव्यापी कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में नशा मुक्ति के क्षेत्र में प्रभावी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। नशा मुक्त समाज के लिए सामाजिक भागीदारी के साथ-साथ विभाग द्वारा जो कार्यक्रम और योजनाएं संचालित की जा रही है, उनका प्रभावी क्रियान्वयन मैदानी स्तर पर किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे से पीड़ित लोगों के लिए प्रदेश में 13 नशा मुक्ति-सह-पुनर्वास केन्द्र, सात आउट रिच एंड ड्रॉप इन सेंटर, तीन कम्युनिटी बेस्ड पियर-लेड इन्टरवेशन सेंटर तथा 8 जिला मुख्यालय पर डीडीआरसी संचालित किए जा रहे हैं। इन सभी संस्थानों के सुव्यवस्थित संचालन की नियमित समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के लिए चलाए जा रहे "सुगम भारत अभियान" की भी नियमित समीक्षा की जाए।

मंत्री कुशवाहा ने कहा कि दिव्यांगजन को प्रोत्साहित करने के लिए विभाग द्वारा राज्य स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिसमें प्रदेश भर के दिव्यांगजन जो गायन, वादन, नृत्य, अभिनय और खेलकूद में रुचि रखते हैं, उनको प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त हो सके। इसके लिए विभाग कार्यक्रम की रूपरेखा बनाकर प्रस्तुत करे।

प्रमुख सचिव श्रीमती सोनाली वायंगणकर ने बताया कि प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत सामाजिक संगठन, शैक्षणिक संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ सामाजिक न्याय विभाग द्वारा लगातार जन-जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गांधी जयंती 2 अक्टूबर को विशेष ग्रामसभाओं का आयोजन भी कराया जाएगा। शैक्षणिक संस्थानों में युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव से बचने के लिए छात्रावास स्तर पर नशा मुक्ति समितियों का गठन किया गया है। इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण श्रीमती सोनाली वायंगणकर सहित अन्य विभाग की अधिकारी उपस्थित थे।

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