फार्मेसी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बदलाव: एमपी में अब नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, ऑनलाइन होगी पूरी प्रक्रिया

भोपाल
फार्मेसी की डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम के पंजीयन प्रमाण पत्र मेल और डिजिलॉकर के माध्यम से उपलब्ध होंगे। पंजीयन के लिए आने वाले आवेदनों में लगभग 50 प्रतिशत अपूर्ण होते हैं। इस कारण उनका पंजीयन नहीं हो पाता। इन्हें पूरा कराना जरूरी है। यह बात उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भोपाल में मध्य प्रदेश स्टेट फार्मेसी परिषद की बैठक कही।
उन्होंने कहा, निजी विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों की जिम्मेदारी है कि वे सभी विद्यार्थियों की सही जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि गलती छात्रों की है तो उन्हें सुधार के लिए सूचित किया जाए और यदि संस्थान की लापरवाही है तो मान्यता एवं संबद्धता पर कार्रवाई करें। पंजीयन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जाए।
5800 आवेदन लंबित हैं
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जून से अगस्त 2025 तक 3500 से अधिक नए पंजीयन किए गए हैं। 5800 आवेदन लंबित हैं, जिसमें 1650 आवेदन निजी विश्वविद्यालयों की सूची उपलब्ध न होने के कारण शेष हैं। पंजीयन का पूरा काम अब डिजिटल मोड में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसमें समग्र आईडी, डिजिलॉकर, विवाह एवं निवास प्रमाणपत्र का एकीकरण किया गया है।
नई प्रणाली से स्लाट बुकिंग एवं परिषद कार्यालय में उपस्थित होकर सत्यापन कराने की आवश्यकता समाप्त होगी और सिस्टम आधारित स्वत: सत्यापन से प्रमाणपत्र सीधे डिजिलाकर पर उपलब्ध होंगे। बैठक में परिषद अध्यक्ष संजय कुमार जैन और सदस्य उपस्थित थे।