डीयू छात्र संघ चुनाव: कब होंगे वोट, कब आएंगे नतीजे? पूरा शेड्यूल देखें

नई दिल्ली
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 18 सितंबर 2025 को छात्र मतदान करेंगे और इसके बाद 19 सितंबर 2025 को चुनाव के नतीजे आएंगे। 10 सितंबर तक नामांकन करना होगा वहीं एक लाख रुपए बॉन्ड के साथ जमा करने होंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2025 का शंखनाद हो गया है। इस साल चुनाव 18 सितंबर को होंगे। डीयू रजिस्ट्रार की ओर से डूसू चुनाव तिथियों की अधिकारिक घोषणा कर दी गई है। चुनाव की घोषणा के साथ ही अब आचार संहिता भी लागू हो गई है। मतदान के अगले दिन ही वोटों की गिनती शुरु हो जाएगी और रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा। इससे पहले उम्मीदवार 10 सितंबर दोपहर तीन बजे तक नामांकन कर सकेंगे। इस बार नामांकन शुल्क के साथ-साथ उम्मीदवार को एक लाख का बॉन्ड भी भरना होगा।
बीते साल से सबक लेते हुए डीयू प्रशासन चुनाव में लिंगदोह कमेटी व सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों का सख्ती से पालन करवाएगा। अगस्त की शुरूआत में ही डीयू ने चुनावों के लिए चुनाव समिति बना दी थी। इस बार मुख्य चुनाव अधिकारी रसायन शास्त्र विभाग के प्रो राज किशोर शर्मा को बनाया गया है। जबकि मुख्य पीठासीन अधिकारी डॉ राजेश सिंह को नियुक्त किया जा चुका है। चुनावी शंखनाद होते ही छात्र संगठन भी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
डूसू चुनाव के लिए नामांकन पत्र 10 सितंबर दोपहर तीन बजे तक जमा कराए जा सकते हैं। इसके बाद उसी दिन नामांकन पत्रों की छंटनी की जाएगी और छंटनी के बाद शेष रहे उम्मीदवारों की लिस्ट शाम छ: बजे जारी कर दी जाएगी। नामांकित उम्मीदवार अपना नाम 11 सितंबर दोपहर 12 बजे तक वापिस ले सकते हैं। उम्मीदवारों की अंतिम सूची 11 सितंबर को ही शाम पांच बजे जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही उम्मीदवार आधिकारिक रूप से अपना चुनाव प्रचार शुरु कर सकेंगे।
मतदान दो शिफ्टों में होगा। दिन के कॉलेजों में वोट सुबह 8.30 बजे से 1.00 बजे तक डाले जाएंगे जबकि सांध्यकालीन कॉलेजों में वोट डालने का समय दोपहर तीन बजे से रात 7.30 बजे तक का है। उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने के लिए नामांकन पत्र मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय (काफ्रेंस सेंटर) व सेंट्रल काउंसिल चुनाव के लिए प्रत्याशी को अपना नामांकन पत्र संबंध कॉलेज व विभाग में जमा कराना होगा। इस साल उम्मीदवार बनने के लिए एक लाख रुपये के बॉंड भरने की शर्त से चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। छात्र संगठन खुले तौर पर इस नियम का विरोध कर रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
चुनाव की दस्तक तो सत्र की शुरूआत से ही देखने को मिल रही है। सत्र की शुरूआत से ही संगठनों ने छात्रों को लुभाने का प्रयास शुरू कर दिया था। कॉलेजों में किसी ने एंटी रैगिंग अभियान चलाया था, तो किसी ने छात्रों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क लगाए थे। वहीं टिकट की दावेदारी करने वालों ने कैंपस में बड़ी-बड़ी गाडिय़ों से नए छात्रों को लुभाया था। हालांकि इस बार पोस्टरबाजी पर रोक रहेगी क्योंकि इस बार प्रशासन ने प्रचार के नियम थोड़े कड़े कर दिए हैं।