भारत का लाल इतिहास रचने जा रहा, शुभांशु शुक्ला आज भरेंगे अंतरिक्ष की उड़ान; पढ़ें मिशन की बड़ी बातें

नई दिल्ली
 एक्सिओम-4 के लंबे इंतजार और बार-बार टलने के बाद वो पल आ गया जिसका हर हिंदुस्तानी इंतजार कर रहा था। AXIOM Mission में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। इस मिशन के तहत इसका क्रू आज यानी 25 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होने वाला है।

ये मिशन नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से सुबह 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे) उड़ान भरेगा। इस मिशन में स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट और नया ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इस्तेमाल होगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो ये अंतरिक्ष यान गुरुवार यानी 26 जून को सुबह 7:00 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) ISS से डॉक करेगा।

भारत इतिहास रचने जा रहा है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बुधवार यानी आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो रहे हैं. वह आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे और राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. भारत के शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से आज दोपहर करीब 12 बजे उड़ान भरने वाला है. 28 घंटे की यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान गुरुवार को शाम करीब 04:30 बजे के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होने की उम्मीद है. 

अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन पर करीब 14 दिन गुजारने हैं. नए लॉन्च स्लॉट का ऐलान मंगलवार सुबह हुआ. यह मिशन एक्सिओम स्पेस का हिस्सा है, जो एक निजी एयरोस्पेस कंपनी है.  

यह मिशन सात बार टल चुका है. अब नई लॉन्च तारीख 25 जून है. इससे पहले टलने की वजह लॉन्च व्हीकल में दिक्कतें और आईएसएस के ज़्वेज़्दा (Zvezda) मॉड्यूल पर दबाव में बदलाव जैसी कई वजहें हैं. ज़्वेज़्दा में लीक का पता सबसे पहले 2019 में चला था और अंतरिक्ष एजेंसियां ​​इसे ठीक करने के लिए कई साल से काम कर रही हैं. एक्सिओम-4 मिशन से पहले मरम्मत का काम किया गया था.

मसल्स रीजनरेशन स्टडी में शामिल होंगे शुभांश शुक्ला 

मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में मांसपेशियों का नुकसान होता है. यह लंबे मिशन और माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान को एक वास्तविक चुनौती बनाता है. उदाहरण के लिए नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम की अंतरिक्ष यात्रा को ही लें. आईएसएस पर 9.5 महीने के कार्यकाल के बाद, जब वह नीचे उतरीं तो उनके पैर और पीठ की मांसपेशिया काफी कमज़ोर हो गई थीं.

एक्सिओम-4 के साथ भारत के शोध मिशनों में से एक यह पहचान करना है कि माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों में होने वाले नुकसाने के लिए क्या जिम्मेदार है और फिर उपचार-आधारित रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना है. स्टडी का मकसद लंबे अंतरिक्ष मिशनों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों में मांसपेशियों के नुकसान को रोकने में मदद करना है.

शुभांशु शुक्ला के साथ अंतरिक्ष जाने वाले एक्सिओम-4 चालक दल से मिलिए

जब NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) लॉन्च होगा, तो इतिहास रचा जाएगा. यह मिशन स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक विविध दल लेकर जाएगा. एक्स-4 मिशन चार देशों के अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लॉन्च होगा, जिसमें भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा शुरू करेंगे.

'तारे भी हासिल किए जा सकते हैं…', मिशन की लॉन्चिंग से पहले बोले शुभांशु शुक्ला

लॉन्चिंग से पहले शुभांशु शुक्ला ने कहा, "मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि यह मिशन एक मील का पत्थर है और मैं भारत से इस मिशन की सफलता के लिए प्रेयर करने की गुजारिश करता हूं. यहां तक ​​कि तारे भी हासिल किए जा सकते हैं."

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन के रूप में काम करते हैं. अंतरिक्ष में अपनी सबसे प्रतीक्षित और चुनौतीपूर्ण उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वहीं, पूरा देश लॉन्चिंग का इंतजार कर रहा है. 

 लॉन्च से डॉकिंग तक

AX-4 स्पेश मिशन को कई देरी, तकनीकी खराबी और मौसम संबंधी मापदंडों से जूझना पड़ा है. इसका नेतृत्व अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जो अंतरिक्ष में कई मिशनों पर जा चुकी हैं. वह उड़ान के संचालन, वैज्ञानिक अभियान का नेतृत्व करने और जुलाई में सुचारू लॉन्च, डॉकिंग और स्प्लैशडाउन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगी.

केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च के बाद, ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को फाल्कन-9 द्वारा अंतरिक्ष में पहुंचाया जाएगा. इसके बाद यान शून्य गुरुत्वाकर्षण में 28 घंटे से ज्यादा वक्त तक यात्रा करेगा, जिससे स्पेस स्टेशन से मिल सके, संरेखित हो सके और अंततः डॉक हो सके.

अगर फ्लोरिडा से लॉन्च वक्त पर होता है, तो डॉकिंग 26 जून को शाम 4:30 बजे IST पर निर्धारित है.

 शुभांशु शुक्ला को स्पेस में करने हैं 7 भारतीय प्रयोग

एक्सिओम-4 मिशन और शुभांशु शुक्ला के 7 एक्सपेरिमेंट भारत की स्पेस हिस्ट्री में एक बड़ा कदम हैं. इसरो और नासा इन नमूनों को सुरक्षित रखने और मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button