युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री स्व-रोजगार आधारित विकास का विजन अब जमीनी स्तर पर हो रहा साकार

भोपाल 
प्रदेश में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्व-रोजगार आधारित विकास का विजन अब जमीनी स्तर पर साकार हो रहा है। सरकार की प्राथमिकता है कि युवाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिले , बल्कि उन्हें सही मार्गदर्शन, प्रेरणा और सम्मान का भी अवसर मिले ताकि वे नियोक्ता की भूमिका में आगे बढ़ें। बैतूल के श्री रोहित यादव भी ऐसे ही युवाओं में हैं , जिन्होंने न केवल स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ किया, बल्कि दूसरों को रोज़गार देने का मार्ग भी प्रशसस्त किया। रोहित को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के अंतर्गत 11 लाख रुपये का ऋण मिला, जिसमें सरकार द्वारा लगभग 3.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई। इस आर्थिक संबल ने उन्हें 'कान्हा मिल्क फूड इंडस्ट्रीज' के रूप में दुग्ध एटीएम व्यवसाय शुरू करने की प्रेरणा दी।

छह डिलीवरी वाहनों और पाँच मिल्क वेंडिंग मशीनों के साथ उनका टर्नओवर अब प्रति माह 9 लाख रुपये से अधिक है और वे 10 अन्य युवाओं को भी प्रत्यक्ष रूप से रोज़गार दे रहे हैं। नवाचार और गुणवत्ता के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें उपभोक्ताओं के बीच भरोसे का नाम बना दिया है। उन्होंने अपनी डेयरी से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का कार्य भी शुरू किया है , जिससे आय का अतिरिक्त स्रोत जुड़ गया है।

रोहित का मानना है कि सरकार द्वारा मिली मदद उनके लिए केवल वित्तीय सहयोग नहीं थी , बल्कि यह विश्वास था कि "सरकार को हम पर भरोसा है। रोहित मानते हैं कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जो स्व-रोजगार आधारित सोच विकसित हुई है, उसने हम जैसे युवाओं को आत्मनिर्भरता और गरिमा के साथ जीवन जीने की दिशा दी है। रोहित कहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री के विजन और इस नीति के लिए उनका आभार प्रकट करता हूं।

रोहित यादव जैसे सफल युवा 27 जून को रतलाम में होने वाली राइज 2025 में न केवल सम्मानित होंगे , बल्कि ऐसे अनेक युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बनेंगे जो प्रयासरत हैं, लेकिन अभी उन्हें दिशा और समर्थन की आवश्यकता है।

राइज 2025 ऐसा मंच बनेगा जो युवाओं के जज्बे, उनके आइडिया और नवीन तकनीक के प्रयोगों को साकार कर समाज एवं प्रदेश को नई पहचान देगा। साथ ही अन्य युवाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका निभाएगा। यह मंच कौशल , नवाचार और धैर्य की शक्ति को रेखांकित करेगा। यह कॉन्क्लेव मुख्यमंत्री के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को साकार करने में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

प्रदेश सरकार की मंशा है कि हर युवा को अवसर मिले , हर विचार को उड़ान मिले और हर परिश्रम को पहचान मिले। लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम विभाग की योजनाएं इसी मंशा को दिशा देती हैं, जहाँ योजनाएं केवल कागज़ पर नहीं, बल्कि व्यवसाय और रोज़गार में तब्दील होती हैं। 

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