संयुक्त राष्ट्र ने कहा, लड़कियों की उम्मीदों का कब्रगाह बना अफगानिस्तान

इजराइल पर हमास के हमले में अपने कर्मियों की संलिप्तता के आरोपों की जांच कर रहा है संरा

संयुक्त राष्ट्र ने कहा, लड़कियों की उम्मीदों का कब्रगाह बना अफगानिस्तान

संयुक्त राष्ट्र ने सिर न ढकने वाली महिलाओं पर ईरान की कार्रवाई पर जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र,
 संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ता उन आरोपों की जांच कर रहे हैं कि फलस्तीन के लिए उसकी राहत एजेंसी के 19 कर्मियों में से 14 कर्मचारी हमास आतंकवादियों द्वारा इजराइल पर किए हमले में शामिल थे। एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र के इन कर्मियों के हमले में शामिल होने का दावा किया है जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र इस मामले की जांच कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने जांच के आदेश दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र का आंतरिक निरीक्षण सेवा कार्यालय जनवरी में इजराइल की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है।

दुजारिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के 19 राहत कर्मियों में से एक के खिलाफ मामला बंद कर दिया गया है क्योंकि इजराइल ने कोई सबूत मुहैया नहीं कराया और चार अन्य कर्मियों के खिलाफ सबूतों के अभाव में जांच निलंबित कर दी गयी है।

इजराइल ने जनवरी में आरोप लगाया था कि संयुक्त राष्ट्र की यूएनआरडब्ल्यूए एजेंसी के 12 कर्मचारी दक्षिणी इजराइल में सात अक्टूबर को किए गए हमलों में शामिल थे। उस हमले में हमास के आतंकवादियों ने करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था।

एजेंसी ने उस समय सभी आरोपी कर्मचारियों के अनुबंध समाप्त कर दिए थे।

दुजारिक ने कहा कि इजराइल ने बाद में आरोप लगाए थे कि संयुक्त राष्ट्र के सात और कर्मी इन हमलों में शामिल थे।

इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इजराइली सेना की एक बटालिन ने गाजा में युद्ध से पहले वेस्ट बैंक में फलस्तीनियों के मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन किए थे।

बहरहाल, उन्होंने सदन के स्पीकर माइक जॉनसन को लिखे एक पत्र में कहा कि वह इजराइल को गलती सुधारने के लिए और वक्त देने के वास्ते इस बटालियन की सहायता रोकने के फैसले को स्थगित कर रहे हैं।

इजराइली नेताओं ने इस सप्ताह अमेरिका के ऐसे फैसले को भांपते हुए सहायता रोकने का कड़ा विरोध किया था।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा, लड़कियों की उम्मीदों का कब्रगाह बना अफगानिस्तान

काबुल,
 संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की स्थितियों पर चिंता जाहिर करते हुए अमानवीय बताया है। वर्तमान हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्री ने अफगानिस्तान को लड़कियों की उम्मीदों के लिए कब्रगाह बताया है।

तालिबान ने 15 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से उसने लड़कियों की छठी कक्षा से आगे की पढ़ाई प्रतिबंधित कर दी और बाद में उनके लिए विश्वविद्यालयों के दरवाजे भी बंद कर दिए। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं की परवाह नहीं करते हुए तालिबान अपना प्रतिबंध जारी रखे हुए है। प्रतिबंध के बावजूद शिक्षा के अधिकार के लिए लड़कियों के संघर्ष का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र महिला संभाग ने  आईसीटी में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शैक्षणिक प्रतिबंधों के सामने अफगान लड़कियों के अधिकार पर प्रकाश डाला।

हर वर्ष अप्रैल के चौथे गुरुवार को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) विभाग में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। ढाई वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी तालिबान ने लड़कियों के लिए स्कूलों को फिर खोलने के बारे में कोई सार्थक वक्तव्य नहीं दिया है। यही स्थिति जारी रहने पर अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहरा जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र ने सिर न ढकने वाली महिलाओं पर ईरान की कार्रवाई पर जताई चिंता

जिनेवा
 संयुक्त राष्ट्र ने सिर ढकने के नियमों का पालन न करने पर कई महिलाओं और लड़कियों को हिरासत में लेने पर ईरान की कार्रवाइ्र पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र अधिकार अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने ईरान के उस मसौदा कानून की आलोचना व्यक्त की, जिसके तहत सिर ढकने के नियमों का पालन न करने पर 10 साल की जेल की सजा के साथ कोड़े मारने की सजा दी जाएगी। तुर्क ने तेहरान से लिंग आधारित भेदभाव और हिंसा को दूर करने की अपील की है।

तुर्क ने रैपर तुमाज सालेही को मौत की सजा दिए जाने की भी आलोचना की जो 2022 के प्रदर्शनों के दौरान प्रमुख चेहरा थे। तुर्क के कार्यालय के अनुसार, कुर्द महिला महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में भूमिका के लिए नौ लोगों को फांसी दी गई है। अमिनी को मोरेलिटी पुलिस ने अपना सिर ठीक से नहीं ढकने के कारण हिरासत में लिया था।

इससे पहले हिजाब को लेकर ईरान में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन का दौरा चला था और कई लोगों की मौत हो गई थी।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button