पाकिस्तानी आर्मी चीफ को लताड़ लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान भारत के प्रति नफरत के नशे में चूर है और कभी नहीं सुधरने वाला

नई दिल्ली
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के दो-राष्ट्र सिद्धांत पर दिए गए बयान पर विदेश मामलों के एक्सपर्ट रोबिंदर सचदेव ने पलटवार किया है। उन्होंने लताड़ लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान भारत के प्रति नफरत के नशे में चूर है और कभी नहीं सुधरने वाला। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख द्वारा की गई टिप्पणियों से पता चलता है कि वे स्वप्नलोक में जी रहे हैं। वे विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों पर भावनात्मक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे ताकि वे पाकिस्तान में और अधिक योगदान दें। यह सेना प्रमुख की पिछड़ी और कठोर मानसिकता को दर्शाता है, और इस बात की किसी भी उम्मीद को खत्म करता है कि पाकिस्तान अपने तौर-तरीकों में बदलाव लाएगा।
'पाकिस्तान कभी नहीं सुधरेगा'
सचदेव ने न्यूज एजेंसी 'एएनआई' से आगे कहा, ''यह इस बात को भी दर्शाता है कि कश्मीर मुद्दे पर अड़े रहने की भावना उनकी रगों में गहराई तक समा गई है, और पाकिस्तान कभी नहीं सुधरेगा। पिछले कुछ सालों में भारत का रुख बिल्कुल साफ हो गया है कि पाकिस्तान को पाक अधिकृत इलाकों को हमें वापस करना ही होगा… भारत को इस मामले में शायद कोई कदम उठाने की जरूरत ही न पड़े क्योंकि पाकिस्तान में कई ऐसे मुद्दे हैं जो देश को अंदर से तोड़ देंगे, और इन इलाकों के लोग भारत का हिस्सा बनना चाहेंगे। सेना प्रमुख के बयानों से पता चलता है कि पाकिस्तान भारत के प्रति नफरत के नशे में चूर है।"
पाक सेना प्रमुख पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
इससे पहले, भारत ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की कश्मीर को पाकिस्तान की गले की नस बताने वाली टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा है कि कश्मीर के साथ पाकिस्तान का एकमात्र संबंध उस क्षेत्र को खाली करने का है, जिस पर उसका अवैध रूप से कब्जा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को नियमित ब्रीफिंग में सवालों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में पूछा कि किसी देश की गले की नस में 'कुछ भी विदेशी' कैसे हो सकता है। उन्होंने दोहराया कि कश्मीर के संबंध में पाकिस्तान की भूमिका उन क्षेत्रों को खाली करने तक सीमित है, जिन पर वह अवैध रूप से कब्जा किये हुए है। तहव्वुर राणा पर एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में इसकी ख्याति कम नहीं होगी।