चीन के बाद उत्तर कोरिया पर ट्रंप ने तरेरीं आँखें, भेजे B-1B दो सुपरसोनिक बमवर्षक विमान, जाने क्या है मामला?

वाशिंगटन
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और गहरा गया है क्योंकि अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के 125% जवाबी शुल्क पर नाराजगी जाहिर करते हुए उस पर 100 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है। यानी चीन पर अब कुल 245 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान वाइट हाउस ने किया है। इस बीच, ट्रंप ने चीन के पड़ोसी देश उत्तर कोरिया को भी चेतावनी दी है। हालांकि, यह चेतावनी टैरिफ से जुड़ी नहीं है। नई चेतावनी जारी करते हुए अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में दो सुपरसोनिक बमवर्षक विमान भी भेजे हैं, जिसने उत्तर कोरिया से सटे और उसके दुश्मन देश दक्षिण कोरिया के आसमान में अपना प्रदर्शन किया है।

मंगलवार को इस क्षेत्र में अमेरिका के इस कदम को एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, वैश्विक शांति दूत का सपना देख रहे ट्रंप उत्तर कोरिया को पूर्ण रूप से परमाणु मुक्त देश बनाना चाहते हैं और परमाणु निरस्त्रीकरण के अपने पुराने लक्ष्य को आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन लगातार परमाणु हथियारों का विस्तार कर रहा है। मंगलवार को अमेरिका ने दो सुपरसोनिक बमवर्षक विमान भेजकर दक्षिण कोरिया के साथ न केवल संयुक्त युद्धाभ्यास किया बल्कि उत्तर कोरिया को ये चेतावनी भी जारी की कि अगर उसने अपने मंसूबों पर लगाम नहीं लगाया तो अमेरिका उस पर ताबड़तोड़ हमले कर सकता है।

क्या है सुपरसोनिक बमवर्षक विमान B-1B
दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी वायु सेना मुख्यालय के अनुसार, सुपरसोनिक B-1B बमवर्षकों की एक जोड़ी ने पश्चिमी दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में दो अमेरिकी F-16 लड़ाकू विमानों और दो दक्षिण कोरियाई F-35A स्टील्थ लड़ाकू विमानों के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास किया है। इस सुपरसोनिक बमवर्षक विमान को लांसर के नाम से भी जाना जाता है। यह अमेरिकी वायु सेना के भंडार में पारंपरिक हथियारों से लैस सबसे बड़ा बमवर्षक विमान है, जो 75,000 पाउंड तक के बम और मिसाइल ले जा सकता है।

यह अंतरमहाद्वीपीय उड़ान भरने और हमले को अंजाम देने में सक्षम है। यह ध्वनि की गति से भी तेज मैक 1.2 की गति से यात्रा कर सकता है, इसीलिए इसे सुपरसोनिक बॉम्बर कहा जाता है। हालांकि, लांसर को 2007 से परमाणु हमले मिशन के लिए सुसज्जित नहीं किया गया है,लेकिन यह दुनिया में कहीं भी, किसी भी समय, किसी भी विरोधी के खिलाफ बड़ी मात्रा में सटीक और गैर-सटीक हथियार तेजी से पहुंचाने में सक्षम है।

नॉर्थ कोरिया के पास कितने परमाणु हथियार?
बता दें कि परमाणु हथियार संपन्न 9 देशों में उत्तर कोरिया भी एक देश है। उत्तर कोरिया ने 2006 में पहला परमाणु परीक्षण किया था। माना जा रहा है कि उसके पास 50 परमाणु हथियार हैं। किम जोंग उन लगातार परमाणु हथियार बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। हाल ही में उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था, जो अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम है।

अमेरिका का संकल्प सिर्फ एक सपना: किम यो जोंग
पिछले हफ्ते ही किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने अपने देश को परमाणु हथियार मुक्त बनाने संबंधी संकल्प को लेकर अमेरिका और उसके एशियाई सहयोगियों पर निशाना साधा था और उन देशों के इस संकल्प को एक सपना करार दिया था। पिछले सप्ताह अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और जापान के शीर्ष राजनयिकों की बैठक में उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया गया था। इसी पर उत्तर कोरिया की शीर्ष विदेश नीति अधिकारी किम यो जोंग ने यह प्रतिक्रिया दी है।

किम यो जोंग ने कहा था कि परमाणु हथियारों का विस्तार व संरक्षण उत्तर कोरिया के संविधान में शामिल है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार मुक्त बनाने संबंधी कोई भी बाहरी चर्चा एक बहुत शत्रुतापूर्ण कृत्य और देश की संप्रभुता को नकारने के समान है। सरकारी मीडिया में प्रकाशित व प्रसारित बयान में उन्होंने कहा, “यदि अमेरिका और उसकी अधीनस्थ ताकतें 'परमाणु निरस्त्रीकरण' पर जोर देती रहेंगी… तो इससे उत्तर कोरिया को ही फायदा होगा, जो आत्मरक्षा के लिए सबसे मजबूत परमाणु हथियार के निर्माण की आकांक्षा रखता है।” उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की परमाणु हथियार स्थिति को "किसी भी भौतिक शक्ति या चालाकी से कभी भी पलटा नहीं जा सकता।”

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