घाटी के बारामूला में मतदान का बना 40 साल का रेकॉर्ड, धारा 370 हटते ही ‘आतंक के गढ़’ में लहराने लगा लोकतंत्र
श्रीनगर
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की जनता ने इतिहास रच दिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर रेकॉर्ड 58.46 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो पिछले 35 साल में सर्वाधिक है। 1996 में इन सीटों पर 47.99 फीसदी वोटिंग हुई थी। 2014 में भी वोटिंग प्रतिशत बढ़ा था और तब 49.21 प्रतिशत वोट पड़े थे, मगर तब जम्मू और उधमपुर में ही बंपर वोटिंग हुई थी। इस बार पूरे जम्मू-कश्मीर के लोग वोटिंग के लिए अपने घरों से निकले।
5 सीटों पर कैंडिडेट की संख्या में 25 फीसदी की बढ़ोतरी
सोमवार को निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर हुई वोटिंग के आंकड़े जारी किए। केंद्र शासित प्रदेश में 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में वोटिंग हुई थी। सबसे पहले मतदान उधमपुर में हुआ और आखिर में 20 मई को बारामूला लोकसभा सीट पर वोट डाले गए थे। वोटिंग के दौरान ही मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ के विजुअल आने लगे, तभी उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार जम्मू-कश्मीर के मतदाता खौफ के साये से बाहर निकलकर लोकतंत्र का जश्न मना रहे हैं। इस चुनाव में उम्मीदवारों ने भी अन्य राज्यों की तरह भागीदारी की। केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की तादाद में भी 25 फीसदी का इजाफा हुआ। चुनावी रैलियां भी पहले से ज्यादा हुईं। इस बार पांच लोकसभा सीटों के लिए 2455 आवेदन आए। बता दें कि चुनाव में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन से अलग हो गई थी।
आंकड़े बता रहे हैं कश्मीर के युवाओं का मिजाज
उम्र | बारामूला | श्रीनगर | अनंतनाग रजौरी | उधमपुर | जम्मू |
18-39 वर्ष | 56.02 | 48.57 | 54.41 | 53.57 | 47.66 |
30-59 वर्ष | 30.85 | 34.87 | 31.59 | 32.65 | 35.28 |
18-50 वर्ष | 86.87 | 83.44 | 86 | 86.22 | 82.94 |
60 साल से अधिक | 13.13 | 16.56 | 14 | 13.78 | 17.06 |
धारा 370 हटने के बाद पहली बार वोटिंग
आतंकी हमले और पत्थरबाजी के लिए बदनाम रहे कश्मीर में भी लोकतंत्र के रंग दिखने लगे हैं। 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पहली बार वोट डाले गए। इस चुनाव में श्रीनगर में 38.49, बारामूला में 59.1 और अनंतनाग राजौरी में 54.84 प्रतिशत वोटिंग हुई। इन तीन लोकसभा सीटों पर पिछले आम चुनाव के दौरान महज 19.16 फीसदी वोटिंग हुई थी। इससे पहले 1996 में 45.86 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला था, जो एक रेकॉर्ड था। आतंक के साये में सहमे लोगों ने मतदान से दूरी बनाए रखी। घाटी की सीटों पर हर चुनाव में 31 फीसदी के करीब वोटिंग होता रहा।
आयोग ने इस चुनाव में युवाओं की भागीदारी पर भी खुशी जताई है। इस बार बारामूला में वोट डालने वाले 56.02 प्रतिशत वोटर 18 से 35 साल के थे। अनंतनाग राजौरी में 54.41 फीसदी युवा वोटरों ने मतदान किया जबकि श्रीनगर में युवा वोटरों की तादाद 48.57 प्रतिशत रही। निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस बार भी उधरपुर और जम्मू के वोटरों ने अपना जोश बनाए रखा। उधमपुर में 68.27 और जम्मू में 72.22 प्रतिशत वोटरों ने अपने हक का इस्तेमाल किया। लोकसभा चुनाव 2024 में 60 साल से अधिक उम्र वाले वोटरों ने निराश किया।