120 5th‑Generation जेट मात्र ₹1,57,844 में; 2600 km/h की बवाली रफ्तार और 6500kg वारहेड क्षमता

 बेंगलुरु 

भारत अपने दम पर नेशनल सिक्‍योरिटी को मजबूत करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है. विदेशी रक्षा सौदे में आने वाली दिक्‍कतों और लेटलतीफी को देखते हुए अब डिफेंस सेक्‍टर के स्‍वदेशीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दी गई है. मिसाइल प्रोडक्‍शन के साथ अल्‍ट्रा मॉडर्न एयर डिफेंस सिस्‍टम पर पूरे रफ्तार से काम चल रहा है. इसके अलावा पांचवीं पीढ़ी के स्‍टील्‍थ फाइटर जेट को देश में डेवलप करने के लिए कुछ महीने पहले महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट लॉन्‍च किया गया है. एडवांस्‍ड मीडियम कॉम्‍बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्‍ट के तहत 5th जेनरेशन स्‍टील्‍थ फाइटर जेट डेवलप किया जा रहा है. इस फाइटर जेट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे आधुनिक रडार सिस्‍टम से पकड़ पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन सा होगा. भारत के लिए सामरिक रूप से यह उल्‍लेखनीय सफलता होगी. चीन और पाकिस्‍तान जैसे देश भारतीय सीमा की तरफ आंख उठाकर देखने की कोशिश भी नहीं कर सकेंगे. पांचवीं पीढ़ी के देसी फाइटर जेट के आसमान में आते ही भारत अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की कैटेगरी में आ जाएगा. दूसरी तरफ, इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने AMCA के तहत डेवलप 120 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बनाई है. इसपर हजारों करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना.

दरअसल, भारत का बहुप्रतीक्षित एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) कार्यक्रम निर्णायक चरण में पहुंच गया है. देश की यह पहली स्वदेशी स्‍टील्थ फाइटर जेट प्रोजेक्‍ट अब उत्पादन की दिशा में अग्रसर है. रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए प्रारंभिक चरण में लगभग 120 AMCA लड़ाकू विमान बनाए जाएंगे, जिनकी डिलीवरी 2035 से शुरू होने की संभावना है. AMCA प्रोजेक्ट का लक्ष्य एक ऐसा विमान बनाना है जो दुश्मन की रडार पकड़ में आए बिना डीप अटैक करने में सक्षम हो. इसके दो संस्करण बनाए जा रहे हैं. पहला, AMCA MK-1, जिसमें अमेरिकी GE F414 इंजन लगाया जाएगा. दूसरा, AMCA MK-2, जिसमें भारत और फ्रांस की कंपनी Safran द्वारा संयुक्त रूप से विकसित 120 kN थ्रस्ट इंजन का उपयोग किया जाएगा. इस संयुक्त इंजन विकास परियोजना पर $7.2 बिलियन (करीब ₹60,000 करोड़) खर्च होंगे. इसमें भारत को पूर्ण तकनीकी हस्तांतरण (Technological Transfer) और बौद्धिक संपदा अधिकार भी मिलेंगे.

पांचवीं पीढ़ी का देसी महाबली

    AMCA के तहत डेवलप फाइटर जेट में 25 टन के दो इंजन होंगे.
    अधिकतम रफ्तार: 2600 KMPH (Mach 2.15)
    कॉम्‍बैट रेंज: 1620 किलोमीटर
    फेरी रेंज: 5324 किलोमीटर
    सर्विस सीलिंग: 20000 मीटर (65,000 फीट)
    पेलोड कैपेसिटी: 6500 किलोग्राम​

₹157844 में 120 5th जेनरेशन देसी फाइटर जेट

अब सवाल उठता है कि AMCA के तहत डेवलप होने वाले पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की कीमत कितनी होगी. ‘इंडिया डिफेंस न्‍यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रोजेक्‍ट के तहत बने फाइटर जेट के एक यूनिट की कीमत 140 मिलियन डॉलर (तकरीबन 1228 करोड़ रुपये) होने की संभावना है. इंडियन एयरफोर्स ने AMCA के तहत बने 120 जेट खरीदने की योजना बनाई है. इसकी कुल कीमत तकरीबन 18 बिलियन डॉलर यानी ₹157844 होगी. 120 आधुनिक विमान की खरीद के साथ ही इंडियन एयरफोर्स के स्‍क्‍वाड्रन में भी वृद्धि होगी. इसके साथ ही IAF की ताकत में भी कई गुना इजाफा होगी. बता दें कि तेजस फाइटर जेट प्रोजेक्‍ट के तहत भी 4.5 जेनरेशन के फाइटर जेट डेवलप किए जा रहे हैं.
इंडिजेनस एवियोनिक्स और सेंसर फ्यूजन

AMCA के तहत डेवलप पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान भारत के स्वदेशी उत्तम-AESA रडार से लैस होगा, जो 150 किलोमीटर से अधिक दूरी पर फाइटर जेट-साइज टारगेट्स का पता लगा सकता है. इसमें AI-ऑपरेटेड मल्टी-सेंसर डेटा फ्यूजन सिस्टम, इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) और इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम भी होगा. इस तकनीक से पायलट को ‘फर्स्ट लुक, फर्स्ट किल’ क्षमता मिलेगी. यानी दुश्मन के प्रतिक्रिया देने से पहले उसे निशाना बनाना.

AMCA प्रोजेक्‍ट का पूरा शेड्यूल

    2025-2027: प्रोटोटाइप कंस्‍ट्रक्‍शन और सिस्‍टम इंटीग्रेशन
    2028-2029: फर्स्‍ट फ्लाइट और शुरुआती टेस्टिंग
    2030-2034: ट्रायल और सर्टिफिकेशन

    2035 और उसके बाद: प्रोडक्‍शन और एयरफोर्स में शामिल करने की प्रक्रिया

स्वदेशी वेपन सिस्‍टम का इंटीग्रेश्‍न

AMCA की आंतरिक हथियार प्रणाली (internal weapon bay system) को फिर से डिजाइन किया गया है, ताकि यह 6 Astra MK-2 मिसाइलें बिना स्टील्थ कैपेबिलिटी घटाए ले जा सके. इसके अलावा यह फाइटर जेट BrahMos-NG सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल, SANT एंटी-टैंक मिसाइल और Rudram एंटी-रेडिएशन मिसाइल जैसे भारत में विकसित हथियारों से लैस होगा. रक्षा मंत्रालय ने इस बार प्रतिस्पर्धी उद्योग भागीदारी मॉडल को मंजूरी दी है. अब केवल HAL (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) ही नहीं, बल्कि TATA Advanced Systems, Adani Defence, L&T, Bharat Forge और Goodluck India जैसी निजी कंपनियां भी बोली लगा रही हैं. इससे उत्पादन की गति और गुणवत्ता दोनों बढ़ने की उम्मीद है.
भारत को एयरोस्पेस पावर बनाने की दिशा में कदम

AMCA केवल एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता की दिशा में एक बड़ा छलांग है. यह प्रोजेक्‍ट एक ऐसा औद्योगिक इकोसिस्टम बना रही है जो आने वाले वर्षों में भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि वैश्विक एयरोस्पेस खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा. परियोजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत अपने बजट अनुशासन, तकनीकी जोखिम प्रबंधन और उद्योग समन्वय को कितनी कुशलता से संभालता है. साल 2035 में जब पहले AMCA लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होंगे, तो यह न केवल भारत के रक्षा इतिहास में एक निर्णायक मोड़ होगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि देश अब किसी का ग्राहक नहीं, बल्कि निर्माता बन चुका है.

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